शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana की यहॉ बात कर रहे है, लचीला शरीर न केवल सुन्दर दिखता है बल्कि लचीले शरीर के अनेक लाभ भी होते है। आपने जिम्नास्टिक के खिलाड़ियों या सर्कस के कलाकारों को देखा होगा जिनका शरीर ऐसा लगता है जैसे उनमें हड्डी तो है ही नहीं। वे लोग अपने शरीर को ऐसा बना लेते है,मानों उनका शरीर किसी रबड़ का बना हो।
आम लोगों को देखें तो ज्यादा संख्या उन लोगों की मिलेगी जो अपने हाथों को घुटनों पर भी नही रख सकते और न हीं इण्डियन स्टाईल के शौचालय का प्रयोग कर सकते। ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति के मन में यह इच्छा होना स्वाभाविक है कि काश उनका शरीर भी इतना लचीला होता। आज इस पोस्ट में हम लचीले शरीर के लाभ और शरीर को लचीला कैसे बनाए पर विचार करेगें।
लचीले शरीर के लाभः-
(शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana)
शरीर का चुस्त और फुर्तीला बना रहना।
आपने अक्सर देखा होगा,जिन व्यक्तियों का शरीर पतला होता है उनमें आलस्य नहीं होता और हर कार्य चुस्ती फुर्ती से करते है। उनमें गजब की फुर्ती होती है। ऐसे व्यक्ति आम व्यक्तियों से अधिक भाग दौड़ कर सकते है। ऐसे व्यक्तियों को सांस आदि फूलने की समस्या भी नहीं होती है। क्योंकि ऐसे व्यक्तियों का शरीर लचीलापन लिये होता है।
शारीरिक सन्तुलन बनाने में आसानी।
दुबले पतले और लचीले शरीर वाले व्यक्तिं को आपने देखा होगा। चाहे उन्हे पहाड़ पर,पेड़ पर,दीवार पर या फिर किसी ऊॅचाई वाली जगह पर चढ़ना हो वे तुरन्त यह काम कर लेते है। यही कारण है कि जिम्नास्टिक के खिलाड़ी हों या सर्कस के कलाकार बिना किसी परेशानी के अपना काम सफलता और गुणवतापूर्ण सम्पन कर लेते है। इस सब का कारण है कि उनके शरीर में लचीलीपन होता जो कि उन्हे शरीर का सन्तुलन बनाने में सहायता करता है।
स्वस्थ रहने में सहयोगी।
दुबला पतला एवं लचीले शरीर को धारण करने वाले अधिकतर व्यक्ति स्वस्थ एवं निरोग होते है। क्योंकि उनके शरीर में चुस्ती फुर्ती होने के कारण वे अधिक मेहनत कर सकते है। जो व्यक्ति शारीरिक रूप से मेहनती होगा वह स्वस्थ होगा। इस प्रकार हम देखते है कि लचीले शरीर के व्यक्ति अधिकतर स्वस्थ ही मिलते है।
मानसिक रूप से स्वस्थ्य
लचीले शरीर का व्यक्ति अपने को स्वस्थ महसूस करता है। अतः जो व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ होगा,उसका मनोबल भी ऊॅचा होगा। जब किसी व्यक्ति का मनोबल ऊॅचा होगा, तो स्वतः वह शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहेगा।
शरीर का लचीलापन खत्म होने का कारणः-/
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
जैसे जैसे व्यक्ति आरामपरस्त होता गया। वैसे वैसे उसके शरीर का लचीलापन भी खत्म होता गया। जहॉ पहले व्यक्ति अपने ऑफिस या दुकान, प्रतिष्ठान,खेत पर पैदल जाता था। शुद्ध भोजन करता था। वहीं अब अगर दो फर्लाग की दूरी पर जाना हो तो वाहन का प्रयोग करता है, चाहे वो नौकरी वाला हो या फिर व्यापारी,किसान। आजकल मोबाईल और सिनेमा ने तो और भी आलसी बना दिया है । ऑनलाईन की सुविधा मिलने के बाद तो हर कार्य ऑनलाईन करने लगा है जिससे उसे अब तो घर से बाहर जाने की भी आवश्यकता नहीं रही है। खानपान के नाम पर मैदा और न जाने कौन कौन से रसायनिक पदार्थो का फास्टफूड के नाम पर सेवन करने लगा है।
व्यायाम,कसरत,शारीरिक मेहनत से दूर होता गया और अपने शरीर का लचीलापन भी खत्म करता गया। इन सब कारणों से ही आदमी के शरीर का लचीलापन गायब होगा। और शरीर में कड़कपन, आलस्य,सुस्ती का प्रवेश होता गया।
शरीर में लचीलापन कैसे लायें।
अगर हमें अपने शरीर का लचीलापन बनाये रखना है। स्वस्थ एवं निरोगी जीवन का आनन्द लेना है,तो कुछ तो शारीरिक श्रम करना पड़ेगा। इसके लिए हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना होगा।
इसके साथ साथ कुछ वार्मअप,योगाभ्यास करना होगा। इन छः योगाभ्यास के द्वारा आप चमत्कारिक रूप से शरीर को लचीला बना सकते हो।
शरीर में लचीलापन लाने में चमत्कारिक योगासन।
1.गोमुखासन
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana

गोमुखासन हाथों,पैरों के जोड़ों, पेट,कमर एवं मेरूदण्ड के लिए लाभदायक होता है। गोमुखासन के अभ्यास में अभ्यासी की आकृति गो (गाय) मुख ( मुंह ) का आभास देने के कारण इसको गोमुखासन कहा जाता है।
Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
गोमुखासनकरनेकीविधि
- हवादार एवं खुले वातावरण में योगा मेट या आसन बिछाकर शान्त भाव के साथ बैठ जायें।
- अपने एक पैर को मोड़ कर अपने नितम्ब के निचे लगाने का प्रयास करें।
इस स्थिति में बैठने में असुविधा हो तो मोटे कम्बल या कोई सुविधाजनक मोटे आसन का भी उपयोग कर सकते है। - दूसरे पैर को मोड़ कर पहले पैर के घुटने के ऊपर से लेते हुए एड़ी को अधिक से अधिक अपने नितम्ब के करीब लाने का प्रयास करें।
- जो पैर आपका ऊपर है उसी हाथ को कन्धें के उपर से लेकर पीठ के पीछे ले जायें।
दुसरे हाथ को नीचे की तरफ से मोड़ते हुए पेट की तरफ से पीठ पर ले जायें। - दोनों हाथों की अंगुलियों को एक दुसरे में फंसाने का प्रयास करें, हो सकता है, प्रारम्भ में आपको अंगुलियां पकड़ने में सफलता नहीं मिले परन्तु अभ्यास से आप इस योगासन को सफलता से कर सकेंगे।
- इस गोमुखासन में सीना बाहर की ओर, मेरूदण्ड सीधा रखना चाहिए।
- अपनी शारीरिक क्षमतानुरूप इसी मुद्रा में बने रहें,लम्बे और गहरे सांस लें।
- जब आप इस मुद्रा में असहज महसूस करने लगें तो मुद्रा को खोल दें और सामान्य स्थिति में आ जायें ।
गोमुखासन के अभ्यास के दौरान सावधानियां।
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
अगर किसी अभ्यासी के शरीर के किसी भी भाग में दर्द या चोट हो तो उसे यह योगासन नहीं करना चाहिए। चुंकि गोमुखासन के अभ्यास में शरीर के लगभग सभी अंगों पर खिचाव महसूस होता है। अतः प्रारम्भ में इसका अभ्यास करने के लिए जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए अन्यथा किसी भी भाग में चोट या खिचाव पैदा होकर शरीरिक रूप से कष्ट की स्थिति पैदा को सकती है।
गर्भवती महिलाओं को गोमुखासन नहीं करना चाहिए।
जिन लोगों को खूनी बवासीर हो उन्हे भी गोमुखासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
गोमुखासन करने के लाभः-
इस योगाभ्यास से शरीर को लचीला बनाता है।
गोमुखासन अन्य लाभ
इस प्रकार हम देखतें है कि यह आसन संक्षिप्त विधि का होने के बावजूद शरीर के लगभग हर भाग को प्रभावित करता है। हमने यह भी देखा कि इसके लाभ व्यापक है। अतः हर जनसामान्य को गोमुखासन का विधिपूर्वक नियमित रूप से इसके 10 अभ्यास करना चाहिए।
भुजंगासन/सर्पासन (कोबरापोज)ः
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
इस आसन में सर्प के फन उठाने की आकृति बनती है इसलिए इसको भुजंगासन, सर्पासन या कोबरा पोजभीकहतेहै।
भुजंगासन,सर्पासन करने की विधिः-
भुजंगासन, सर्पासन करने लिए किसी नरम आसन को जमीन पर बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। ऐड़ियॉ ऊपर आकाश की तरफ होनी चाहिए। हाथ कन्धों के नीचे हथेलियॉ जमीन से चिपकती होनी चाहिए। हथेलियों पर दबाव देते हुए शरीर के आगे के हिस्से को धीरे धीरे उठाएं,आकाश की और देखते हुए नाभि तक के शरीर को उपर की और उठाएं।
यह आसन तीन प्रकार से किया जात है। हथेलियों को शरीर से एक फिट,आधा फिट और सटा कर रखा जाकर भुजंगासन, सर्पासन किया जाता है। यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि शरीर को ऊपर उठाते समय श्वास को अन्दर की और भरें तथा मुंह की स्थिति ऊपर की और होने पर श्वास को सर्प की भांति फुफकारते हुए बाहर की और निकालें पेट को खाली करें। सामार्थ्य अनुसार रूकें और वापिस सामान्य स्थिति में आ जायें।
भुजंगासन, सर्पासन करने के लाभः
- मेरूदण्ड लचीला और स्वस्थ बनता है।
उष्ट्रासन (कैमल पोज)
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
यह आसन करते समय ऊंट की आकृति बनती है इसलिए इस आसन को उष्ट्रासन कहा जाता है।
विधिः-सिर को पीछे की और करते हुए,घुटनों के बल आसन पर लेट जायें। अब अपनी हथलियों को पैरों की एड़ियों पर रखते हुए,कमर,नितम्ब को ऊपर की और उठाते हुए,पेट को आगे की ओर निकाले सीना आकाश की ओर ऊंचा होना चाहिए।
उष्ट्रासन एक अन्य प्रकार से भी किया जाता है। इसमें घुटनों के बल खड़े होकर हाथों को आगे की और फैलाया जाता है। इस दौरान श्वास को भीतर की ओर भरा जाता है। श्वास को छोड़ते हुए गर्दन को पीछे की और झुकाते हुए हथेलियों को पैरों की ऐड़ियों पर रखा जाता है,और कुछ ही समय पर पुनःयथास्थिति में आ जाना होता है।
4.पादहस्तासनः-
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
इस योगासन के अभ्यास में दोनों पैरों को मिला कर सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जायें। श्ंवास को भरते हुए दोनों हाथ सिर के उपर ले जाये। मूल एवं उड्डियान बन्ध लगा कर धीरे धीरे आगे की ओर झुक जायें। अपने हाथों से अपने दोनों पैरों के अंगुठों को पकड़े नाक घुटनों से स्पर्श करावें । पैर सीधे रखें घुटनों को मुड़ने नहीं दें।
5.त्रिकोणासन
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
आसन खड़े होकर,बैठकर, एवं लेटकर किये जा सकते है। खड़े होकर किये जाने वाले आसनों एक में सें एक त्रिकोणासन भी है। ‘त्रिकोण’ का अर्थ होता है, त्रिभुज और आसन का अर्थ योग है। इसका अर्थ हुआ कि इस आसन के अभ्यास से शरीर आकृति त्रिकोण की बन जाती है। इसीलिए इसको त्रिकोणासन कहा जाता है।
त्रिकोणासनकीविधि
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
सबसे पहले किसी स्वच्छ और खुले स्थान पर योग मैट बिछाकर सावधान की मुद्रा में खड़े हो जायें।
अपने पैरों को एक से डेढ़ फीट या अपनी सुविधा से पैरों को फैलाकर खड़े हो जावे। दोनों हाथ पैरों से सटे हुए होने चाहिए।
अब सांस भरते हुए,धीरे धीरे हाथों को फैलाते हुए कन्धों के बराबर ले आयें। सांस छोड़ते हुए,अपने शरीर को बायीं ओर झुकाते हुए बायें हाथ को बायें पैर के टखने को पकड़े का प्रयास करें। दायां हाथ कान से स्पर्श करता हुए सिर से सटा रहेगा।
इस स्थिति में ध्यान रहे कमर,नितम्ब समानान्तर रहने चाहिए।
घुटनें अथवा मुड़ने नहीं चाहिए।
पैर जमीन से ऊपर नहीं उठने चाहिए।
सामर्थ्य के अनुसार इसी पोज में रूकें।
सांस लेते हुए धीरे-धीरे पुरानी स्थिति में आ जाएं।
बाद में यही पोज दूसरे पैर की तरफ बनाये।
यह एक चक्र हुआ।
इस तरह से आप 3-5 चक्र करें।
त्रिकोणासन के लाभ
त्रिकोणासनकेलाभ
- त्रिकोणासन के अभ्यास से शरीर लचीला बनता है।
शरीर के लगभग समस्त अंग प्रभावित होते है। जिस कारण विभिन्न हार्मोंस का स्त्राव नियमित एवं सही होने के कारण चिंता और तनाव में लाभप्रद होती है और इन्हे दूर करने में लाभ मिलताहै।
6.पश्चिमोत्तानासनः-
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana

यह आसन पेट के अंगों को मजबूत करता है यह योगासन डायबिटीज/मधुमेह को नियन्त्रित करने में उपयोगी बताया गया है।
पश्चिमोत्तानासन करने की विधिः-
- खुले वातावरण में चाहे पार्क हो या बड़ा हवादार कमरा आसन या योगा मेट बिछा कर बैठें, अपने दोनों पैरो को सामने की ओर सीधे फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैर आपस में सटे हुए और सीधे होने चाहिए। आपकी कमर, गर्दन सीधी और दृष्टि सामने होनी चाहिए।
अब गहरी सांस खिंचेंं और अपने हाथों से धीरे-धीरे पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें, इस क्रिया के दौरान आप अपने माथें से अपने घुटनों को छुने के लिए सिर को आगे झुकाते जायेंगे। जब आपका सिर घुटनों को छु रहा हो पैर जमीन पर स्पाटरूप से जमीन से सटे होने चाहिए। जमीन से ऊपर नहीं उठने चाहिए।
सांस को छोड़ दें और इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें।
इस आसन को 3 से 4 बार दोहराना चाहिए।
पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे
मोटापा कम होता :–
जब हम पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करते है तो पेट और कमर की मांसपेशियां खिचाव महसूस होता है,उस खिचाव के कारण उन हिस्सों की मालिश होती है। जिस कारण वहॉ प्रभावित जगह पर जमा वसा पिघलती है और जिस कारण मोटापा कम करने में मद्द मिलती है।
हड्डियों को लचीला बनाने में कारगर
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पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से मेरूदण्ड प्रभावित होता है। लचीला बनता है।
अगर इन योगाभ्यासों का नियमित रूप से विधिपूर्वक सही मार्गदर्शन में अभ्यास किया जाये तो शरीर को लचीला बनाने में चमत्कारिक रूप से परिणाम प्राप्त किये जा सकते है। इसके अतिरिक्त आप ताड़सन,उतानपादासन,पवनमुक्तासन,सुप्त वज्रासन, अर्द्धमत्स्येन्द्रासन आदि आसनों का भी अभ्यास कर सकते है।
शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana
इस लेख का उद्देश्य योग सम्बन्धी जानकारी प्रदान करना है। स्वास्थ्य की दृष्टि से अभ्यास करने से पूर्व अपने चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से परामर्श आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए।
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FAQ
5 responses to “शरीर को लचीला बनाने के 6 चमत्कारिक योगासन ,Sharira ko lachila banane ke 6 chamatkarika yogasana”
Accurate and useful info. Summarised to the point that it’s digestible and fun to read 💪
Good
Labhdayak
Interesting
बढ़िया जानकारी