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मलासन कैसे करें,विधि और लाभ। Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh.

आज हम बात करने वाले है,मलासन कैसे करें,विधि और लाभ। Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh.आजकल की व्यस्त जीवन चर्या में हर किसी को किसी न किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से सामना करना पड़ रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप जोड़ों के दर्द,पेट , मोटापे की समस्या से व्यक्ति परेशान हो रहा है।

आजकल लोगों की दिनचर्या में मेहनत,परिश्रम की जगह बहुत कम हो गई है। ऑफिस के कार्य हों ,व्यवसायिक कार्य हो,कारखाना हो और तो और आजकल कृषि कार्य के लिए भी ऐसे ऐसे उपकरण प्रयोग में लिए जाने लगें है, कि किसान को भी परिश्रम की अधिक आवश्यकता नहीं रही है।
इस तरह से हर वर्ग के व्यक्तियों का शरीर आराम परस्त होने लगा है। उसी का परिणाम है, कि शरीर में जोड़ों के दर्द, कब्ज,पेट की समस्याएं, मानसिक तनाव जैसी शारीरिक व्याधियों से शरीर पीड़ित होने लगा है।इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के लिए मलासान का नियमित अभ्यास एक आसान और बेहद लाभदायक तरीका सिद्ध हो सकता है।

इस आसन, मलासन का नियमित विधिपूर्वक किया गया अभ्यास जांघों ,घुटनों,पैरों,पिण्डलियों,ऐड़ियों,हाथों एवं कन्धों को भी मजबूत बनानें में बहुत अधिक लाभदायक एंव असरदायक होता है।
आज हम बात कर रहे है,मलासन कैसे करें,विधि और लाभ। Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh. इसी सन्दर्भ में बात की जाये महिलाओं की तो आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी पूर्ण जिम्मेदारी से निभा रही है। चाहे वह क्षेत्र नौकरी का हो,व्यवसाय का हो हर जगह सफलतापूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन कर रही है। इन दायित्वों के निर्वहन के दौरान वह अपने माता या पत्नि होने के दायित्व को भी निभा रही है।

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इस प्रकार दोनों वर्ग चाहे वह पुरूष हो या महिला अपने दायित्वों के निर्वहन की आपाधापी में अपने स्वयं के स्वास्थ्य की देखभाल में पीछे रह जाते है,फलस्वरूप उनका शरीर रोगग्रस्त होने लगता है।
अगर किसी व्यक्ति के पास अधिक समय नहीं है, तो वह मलासन का अभ्यास कर अपने शरीर को स्वस्थ रखता सकता है। इस मलासन का नियमित अभ्यास शरीर को बहुत सी बिमारियों से मुक्त रखने में सहायक सिद्ध हो सकता है। मालासन (Garland Pose) का अभ्यास शरीर को फिट और स्वस्थ रखने में बहुत फायदेमंद माना जाता है।

कैसे करें मलासन                                     Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh.

जैसे की इसके नाम से ही स्पष्ट हो जाता है, कि यह मलासन योगा पोज, मल से सम्बन्धित योगा है। पुराने समय में लोग जंगल में शौच निवृति किया करते थे। परन्तु समय के बदलाव के साथ शौचालय घरों में बनने लगे, वेर्स्टन स्टाईल के शौचालय में तो व्यक्ति बैठता भी है तो कुर्सी की स्टाईल में बैठता है जिस कारण उसके पेट या श्रोणी प्रदेश पर कोई दबाव भी नहीं पड़ता। जिस कारण पेट पूर्णरूप से साफ भी नहीं होता है।

इस मलासन योगाभ्यास को मल त्यागने की स्थिति में बैठकर किया जाता है। अगर सुबह के समय पीने योग्य गर्म जल का अधिक से अधिक अपनी समार्थ्य के अनुसार सेवन कर मलासन किया जाये तो अधिक लाभ होने की सम्भावन बनती है।

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मलासन के लाभ                             Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh.

मलासन को अंग्रेजी में (Garland Pose)कहते हैं। दिन भर दफ्तर में बैठकर काम करने वाले लोगों के लिए मलासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस योगासन का नियमित अभ्यास शरीर की कई समस्याओं को दूर करने का काम करता है।Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh.मलासन का अभ्यास करने के फायदे इस प्रकार से हैं।

1.इस आसन का अभ्यास करने से कुल्हे चोड़े होते है,जिन लोगों को ऊकड़ू बैठने में परेशानी होती है उन लोगों का ऊकड़ू बैठने का अभ्यास हो जाता है।
2. मलासन का अभ्यास बवासीर के मरीजों के लिए लाभदायक होता है।
3. मलासन का नियमित एवं उचित मार्गदर्शन में अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन आता है।
4.मलासन के अभ्यास से जांघ,घुटने,टखने और ऐड़ियां मजबूत बनती है। इनमें होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
5.मलासन के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र स्वस्थ बनता है।

6.मलासन के अभ्यास से व्यक्ति के बैठने के पाश्चर में सुधार होता है।
7.इसके नियमित अभ्यास से महिलाओं के गर्भाशय की समस्याओं में राहत मिलती है।
8.मलासन के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र स्वस्थ एवं मजबूत बनता है। जिससे गैस,कब्ज, एसीडिटी एवं अन्य पाचन सम्बन्धी समस्याआें के निराकरण में राहत मिलती है।
9. मलासन के अभ्यास के दौरान पेट के श्रोणी (पेल्विक एरिया)क्षेत्र पर प्रभाव पड़ता है, जिस कारण महिलाओं की मासिकधर्म एवं गर्भधारण या गर्भपात की समस्याओं में राहत मिलने की सम्भावना बनती है।
10.मलासन के नियमित अभ्यास से पैर के जोड़ों,जांघ,पिण्डलियों टखनों,ऐड़ियों,हाथ के जोड़ों,कन्धों को मजबूती मिलती है।
11. मलासन के नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती है।

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मालासन ( Malasana ) करने की विधिः-                   

अब बात करते है मलासन कैसे करें,विधि और लाभ।  Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh.

  • मलासन (Malasana ) करने के लिए हवादार वातावरण में योगा मेट या चटाई बिछा कर शान्त भाव के सुखासन में बैठ जायें ।
    कुछ गहरी एवं लम्बी सांस ले, सामान्य स्थिति आने पर कागासन या कहें, ऊकड़ू स्थिति में जैसे हम शौच निवृति के लिए बैठते है। उस स्थिति में बैठ जायें।
  • अपने कुल्हों से अधिक दूरी तक पैरों के पंजां को फैलाकर बैठ जायें।
  • अपने हाथों से प्रणाम की मुद्रा बनाकर अपने हाथों को सीने के सामने रखें।
  • अपने हाथों की कोहनियॉ आपके पैरों के घुटनों के अन्दर की ओर स्पर्श करती एवं घुटनों को बाहर की और धकेलने की स्थिति में होनी चाहिए।
    अपने सीने को सामने की ओर तान कर रखें।
  •  तीन से चार मिनट तक इस अवस्था में रुकने के बाद आप सामान्य स्थिति में आ सकते हैं।
  • महिलाओं के लिए जबरदस्त योगासन पढ़े।
         मलासन और सावधानियां                                 Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh.

मलासन करते समय अपना शारीरिक सन्तुलन बनाएं रखने के प्रति आपको जागरूक रहने की आवश्यकता होती है। जरा सी असावधानी आपको शारीरिक कष्ट पहुंचा सकती है। अतः मलासन के समय जागरूक रहने की आवश्यता होती है।
अगर आपको किसी प्रकार की चोट या पैर में, घुटनों में या रीढ़ की हड्डी की समस्या हो तो इस मलासन को नहीं करना चाहिए।
किसी प्रकार की समस्या होने पर योग प्रशिक्षक से परामर्श अवश्य करना चाहिए। जहॉ तक हो सके किसी प्रशिक्षक का मार्गदर्शन अवश्य लेना चाहिए।

इस पोस्ट का उदे्श्य योग के सम्बन्ध में जानकारी देना है। चिकित्सकीय लाभ के लिए अपने चिकित्सक या योग प्रशिक्षक की राय के उपरान्त ही योगाभ्यास करने बाबत निर्णय लेना चाहिए।

FAQ

Malasan

मलासन का अभ्यास करने के फायदे इस प्रकार से हैं। 1.इस आसन का अभ्यास करने से कुल्हे चोड़े होते है,जिन लोगों को ऊकड़ू बैठने में परेशानी होती है उन लोगों का ऊकड़ू बैठने का अभ्यास हो जाता है। 2. मलासन का अभ्यास बवासीर के मरीजों के लिए लाभदायक होता है। 3. मलासन का नियमित एवं उचित मार्गदर्शन में अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन आता है। 4.मलासन के अभ्यास से जांघ,घुटने,टखने और ऐड़ियां मजबूत बनती है। इनमें होने वाले दर्द से राहत मिलती है। 5.मलासन के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र स्वस्थ बनता है। 6.मलासन के अभ्यास से व्यक्ति के बैठने के पाश्चर में सुधार होता है। 7.इसके नियमित अभ्यास से महिलाओं के गर्भाशय की समस्याओं में राहत मिलती है। 8.मलासन के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र स्वस्थ एवं मजबूत बनता है। जिससे गैस,कब्ज, एसीडिटी एवं अन्य पाचन सम्बन्धी समस्याआें के निराकरण में राहत मिलती है। 9. मलासन के अभ्यास के दौरान पेट के श्रोणी (पेल्विक एरिया)क्षेत्र पर प्रभाव पड़ता है, जिस कारण महिलाओं की मासिकधर्म एवं गर्भधारण या गर्भपात की समस्याओं में राहत मिलने की सम्भावना बनती है। 10.मलासन के नियमित अभ्यास से पैर के जोड़ों,जांघ,पिण्डलियों टखनों,ऐड़ियों,हाथ के जोड़ों,कन्धों को मजबूती मिलती है। 11. मलासन के नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती है।
मलासन कैसे करें,विधि :-मलासन (Malasana ) करने के लिए हवादार वातावरण में योगा मेट या चटाई बिछा कर शान्त भाव के सुखासन में बैठ जायें । कुछ गहरी एवं लम्बी सांस ले, सामान्य स्थिति आने पर कागासन या कहें, ऊकड़ू स्थिति में जैसे हम शौच निवृति के लिए बैठते है। उस स्थिति में बैठ जायें। अपने कुल्हों से अधिक दूरी तक पैरों के पंजां को फैलाकर बैठ जायें। अपने हाथों से प्रणाम की मुद्रा बनाकर अपने हाथों को सीने के सामने रखें। अपने हाथों की कोहनियॉ आपके पैरों के घुटनों के अन्दर की ओर स्पर्श करती एवं घुटनों को बाहर की और धकेलने की स्थिति में होनी चाहिए। अपने सीने को सामने की ओर तान कर रखें।  तीन से चार मिनट तक इस अवस्था में रुकने के बाद आप सामान्य स्थिति में आ सकते हैं।
मलासन का अभ्यास तीन से चार मिनट तक करना चाहिए, अधिक समय करना हो तो योग प्रशिक्षक से परामर्श के उपरान्त करें।
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3 responses to “मलासन कैसे करें,विधि और लाभ। Malasana Kaise Kare,Vidhi Aur Labh.”

  1. Saroj Avatar

    👍

  2. Rajshree Bhati Avatar

    Pet pachan tantr ke labhdayak

  3. Saroj Avatar

    👍👍👍

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