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हॉट योगा करने की विधि,लाभ एवं सावधानियां।Hot Yoga Karane Ki Vidhi,Labha aur Savadhaniyan।

आज हम बात करेंगे हॉट योगा करने की विधिएलाभ एवं सावधानियां।Hot Yoga Karane Ki Vidhi,Labha aur Savadhaniyan की ।हॉट योगाभ्यास बन्द कमरे में किया जाता है। इस योगाभ्यास को करने के लिए कमरे का तापमान 40 प्रतिशत आर्द्रता के साथ 105°F (41°C) या 80 और 100°F (27 और 38°C) के बीच तक प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में गर्म होना चाहिए। यानी इस योगाभ्यास के स्थल पर गर्मी एवं नमी दोनों वातावरण में होने चाहिए।


जबकि पारम्परिक योगाभ्यास खुले एवं हवादार वातावरण में करने को सर्वोत्म माना जाता है। जहॉ पर मनभावन प्राकृति हवा का प्रवाह हौ,चारों तरफ हरियाली एवं मनमोहक वातावरण सुर्य के दर्शन,पक्षियों की चहचहाट,नदी में पानी का बहाव आदि हो। भारतीय जीवनशैली में ऋषि मुनियों की पुरातन परम्परा में योग भी एक परम्परा रही है। जिसके अभ्यास से ऋषि मुनी शरीर के साथ साथ आध्यात्मिक शक्ति में भी पारंगत रहते थे। लौकिक एवं परालौकिक संसार का भी ज्ञान प्राप्त कर सकते थे।

हॉट योगा करने की विधि,लाभ एवं सावधानियां।Hot Yoga Karane Ki Vidhi,Labha aur Savadhaniyan।
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आधुनिक समय में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने लगे,तो इस योग के विषय में भी नये नये प्रयोग होने लगे इस कड़ी में योग गुरू बिक्रम रॉय चौधरी ने बिक्रम योगा की अवधारण की और अभ्यास में लाये थे। यह भी निर्धारित ताममान एवं आर्द्रतायुक्त स्थान में किये जाने वाले हॉट योगा के समान ही है। इस प्रकार बिक्रम योगा एवं हॉट योगा एक समान प्रकृति के ही है। फिर भी इस प्रकार के योगाभ्यास में रूची रखने वालों को योगा केन्द्र पर जाकर जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। ताकि अपने मन अनुरूप योगा कर स्वास्थ्य लाभ ले सकें। ये दोनों योगाभ्यास निर्धारित मापदण्ड के अनुसार तापमान एवं आद्रतायुक्त बन्द कमरें में किया जाता है।


सामान्यतः हम सभी ने महसूस किया है कि सर्दी के मौसम में हमारा शरीर में अकड़न,जकड़न होती है। जबकि गर्मी के मौसम में हमारे शरीर में अकड़न या ऐंठन जैसी कोई अवस्था नहीं होती। इसी अवधारण को मानते हुए, हॉट योगा की अवधारणा अस्तित्व में आयी। माना जाता है, कि निर्धारित तापमान एवं आर्द्रतायुक्त वातावरण में योगा करने से शरीर की फ्लक्सिबिलिटी(लचीलापन) बढ़ता है,इस योगाभ्यास से शरीर की चर्बी को कम करने में भी सहायता मिलती है। सामान्यतः हॉट योगा को वजन कम करने वाले योगा की दृष्टि से देखा जाता है।

हॉट योगा करने की विधिः-(हॉट योगा करने की विधिएलाभ एवं सावधानियां।Hot Yoga Karane Ki Vidhi,Labha aur Savadhaniyan)


इस योगा में पारम्परिक योगासनों एवं प्राणायामों एक निर्धारित तापमान एंव नमीयुक्त कमरें में प्रशिक्षित प्रशिक्षक द्वारा अभ्यास करवाया जाता है
हॉट योगा का एक सत्र करीब डेढ़ घण्टे का माना जाता है।

हॉट योगा के लाभः-

  1. लचीलापन बढ़ाता है
    हम सभी का यह तो अनुभव है, कि हमारे शरीर में सर्दियों
    के मौसम के बजाय गर्मीयों के मौसम में लचीलापन अधिक होता है। जबकि सर्दियों के मौसम में हमारे शरीर में अकड़न,जकड़न अधिक होती है। इसी सिद्धान्त के अनुसार यदि गर्म वातावरण में योगासन किया जाये, तो शरीर की मांसपेशियों एवं हड्यिें में अधिक लचीलापन आयेगा। जो कि हमारे प्रत्येक अंग को सकारात्मक रूप से लाभ पहुंचायेगा। गर्म वातावरण में हमारे शरीर में खि्ांचाव एवं लचीलापन की क्षमता अधिक होने से हम अपने योगाभ्यास को अधिक समय तक बिना असुविधा के कर सकते है। जिससे हमें अधिक लाभ मिलने की सम्भावना रहती है।
  2. मानसिक,शारीरिक तनाव को दूर करने सहायकः-
    हॉट योगा विधि में किये गये अभ्यास से शरीर में रक्त का परिसंचरण सुचारू होता है। इस प्रक्रिया में रक्त मस्तिष्क ,शरीर की प्रत्येक मांसपेशी एवं कौशिका तक पंहुचने लगता है। जिससे मानसिक एवं शारीरिक तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
  3. हृदय संबंधी लाभ :-
    हॉट योगा आर्द्रतापूर्ण गर्म तापमान में किया जाने वाला योगाभ्यास है। गर्म वातावरण में योगाभ्यास करने से शरीर में रक्त का परिसंचरण तेजी से होता है। तथा शरीर के अंग भी गर्म वातावरण के कारण सिकुड़ने के बजाय फैलते है। जिससे से रक्त को परिसंचरण करने में एवं अन्य अंगों जैसे हृदय,फेफड़े,नाड़ियों को बिना किसी बाधा के अपना कार्य करते हुए, रक्त के प्रवाह को शरीर में अपनी गति से प्रवाहित होने में सहायता मिलती है। जिससे हृद्य सम्बधी रोगों में लाभ मिलता है।
  1. दर्द और सूजन कम करने में लाभदायकः-
    हॉट योगा गर्म एवं आर्द्रतापूर्ण वातावरण में किया जाता है। जिस कारण शरीर में रक्त का परिसंचरण प्रत्येक कौशिका तक सुचारू हो जाता है। जिससे हमारे शरीर के किसी भी अंग के दर्द एवं सूजन को कम करने दर्द में आराम देने में काफी सहायक होता है।
    हॉट योगा चूंकि गर्म वातावरण में किया जाता है। गर्म वातावरण में योगा करने से शरीर पसीना निकलता है। पसीना के साथ ही ष्शरीर में मौजूद विजातीय तत्व बाहर निकलते है। जिससे हमारा शरीर डिटॉक्स होने में हॉट योगा मददगार साबित होता है।

5-वजन कम करने में सहायकः
हॉट योगा गर्म वातावरण में किया जाता है। एक तो वातावरण की गर्मी और दूसरा योगासनों का अभ्यास करने से शरीर में उत्पन होने वाली गर्मी से शरीर की अतिरिक्त वसा,चर्बी पिघलती है एवं कैलारी बर्न होती है । इसी अभ्यास के दौरान पसीना निकलने से शरीर के विषैले तत्व पसीना के साथ बाहर निकलते है। जिस कारण शरीर का वजन कम करने में मद्द मिलती है।

हॉट योगा करने की विधिएलाभ एवं सावधानियां।Hot Yoga Karane Ki Vidhi,Labha aur Savadhaniyan


हॉट योगा में सावधानियॉः- (हॉट योगा करने की विधि,लाभ एवं सावधानियां।Hot Yoga Karane Ki Vidhi,Labha aur Savadhaniyan।)


1.किसी बिमारी से पीड़ित होने पर अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए। उनकी राय के अनुसार ही योगा करने या न करने का निर्णय करना चाहिए।
2.हॉट योगा प्रशिक्षित योगा प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
3.हॉट योगाभ्यास में ध्यान रखना चाहिए कि शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
4.गर्मवती महिलाओं, सिरदर्द,मिर्गी,मधुमेह,हार्ट के रोगियों को हॉट योगा के अभ्यास बचना चाहिए।
5.हॉट योगा घर पर करने का प्रयास नहीं करना चाहिए इसके लिए आपको हॉट योगा केन्द्र पर जाना चाहिए। वहॉ पर आपको प्रशिक्षित शिक्षक मिलेगें। जो आपको सही मार्गदर्शन देकर हानी रहीत हॉट योगाभ्यास करवा सकेगें।

हॉट योगा करने की विधि,लाभ एवं सावधानियां

।Hot Yoga Karane Ki Vidhi,Labha aur Savadhaniyan

इस प्रकार देखते है कि हॉट योगा आजकल स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने वाले आमजन के अतिरिक्त,खिलाड़ियों,बालीवुड कलाकारों,उद्योगपतियों आदि में बहुत लोकप्रिय हो रहा है। सही मार्गर्दशन के साथ हमें भी इसका लाभ उठाना चाहिए।
इस पोस्ट को लिखने का उद्देश्य मात्र योगाभ्यास की जानकारी आमजन को उपलब्ध करवाना है। चिकित्सकीय उद्देश्य से योगाभ्यास करने से पूर्व योग्य चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से अवश्य परामर्श करना चाहिए। परामर्श के अनुसार ही योगा करने या न करने का निर्णय लेना चाहिए। क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर एवं स्वास्थ्य की प्रकृति भिन्न होती है।
अगर यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो लाईक,शेयर,सबस्क्राईब करें।

FAQ

Hot yoga

हॉट योगाभ्यास बन्द कमरे में किया जाता है। इस योगाभ्यास को करने के लिए कमरे का तापमान 40 प्रतिशत आर्द्रता के साथ 105°थ् (41°ब्) या 80 और 100°थ् (27 और 38°ब्) के बीच तक प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में गर्म होना चाहिए। यानी इस योगाभ्यास के स्थल पर गर्मी एवं नमी दोनों वातावरण में होने चाहिए। जबकि पारम्परिक योगाभ्यास खुले एवं हवादार वातावरण में करने को सर्वोत्म माना जाता है।
हॉट योगाभ्यास में निम्नाकिंत सावधानियॉ रखनी चाहिए। 1.किसी बिमारी से पीड़ित होने पर अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए। उनकी राय के अनुसार ही योगा करने या न करने का निर्णय करना चाहिए। 2.हॉट योगा प्रशिक्षित योगा प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए। 3.हॉट योगाभ्यास में ध्यान रखना चाहिए कि शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। 4.गर्मवती महिलाओं, सिरदर्द,मिर्गी,मधुमेह,हार्ट के रोगियों को हॉट योगा के अभ्यास बचना चाहिए। 5.हॉट योगा घर पर करने का प्रयास नहीं करना चाहिए इसके लिए आपको हॉट योगा केन्द्र पर जाना चाहिए। वहॉ पर आपको प्रशिक्षित शिक्षक मिलेगें। जो आपको सही मार्गदर्शन देकर हानी रहीत हॉट योगाभ्यास करवा सकेगें।


5 responses to “हॉट योगा करने की विधि,लाभ एवं सावधानियां।Hot Yoga Karane Ki Vidhi,Labha aur Savadhaniyan।”

  1. Raghuvir singh Avatar

    Good

  2. Rajshree Avatar

    Saral bhasha me acchi jaankari

  3. Raghuvir singh Avatar

    AAP isi tarah achhi jankari dete rhen

  4. Manju Shekhawat Avatar

    good job

  5. Ripudaman Avatar

    Good

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