सूर्यास्त से पूर्व भोजन करने के जबरदस्त लाभ जानें Suryast se purav bhojan karane ke jabaradast laabh janiye
आज हम बात कर रहे है Suryast se purav bhojan karane ke jabaradast laabh janiye की ।आज से चालीस साल पहले तक आम परिवारों में रात्रि का भोजन सूर्यास्त से पूर्व करने की परम्परा का हमने निर्वहन किया है। परन्तु आधुनिकता/व्यस्तता के नाम पर हमने हमारी उन परम्पराओं को भुला दिया है।
आज व्यक्ति खाना स्वास्थ्य के नहीं स्वाद और दिखावे के लिए खाने लगा। विदेशों में ही नहीं आज हमारे देश में कुछ शहरों के लिए कहा जाता है, कि शहर चौबिसों घण्टे जागता है। मतलब वहॉ रात हो या दिन आपको हर सामान,आवश्यक वस्तु या फिर टैक्सी हो अथवा भोजन हर समय उपलब्ध हो सकता है। लोगो की दिनचर्या भी ऐसी बन गई है कि उनके खाने पीने का अथवा आजिविका कमाने का कोई समय नहीं है,कोई रात को काम कर रहा है तो कोई दिन में काम करके अपनी आजिविका कमा रहा हैं।

हर किसी की दिनचर्या का कोई निर्धारित समय नहीं है ।इसी का परिणाम है कि आज हर कोई किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त है। कोई बड़ी से तो कोई छोटी समस्या से जूझ रहा है।
आजकल में लोगों की जीवन शैली ऐसी बन गई है कि घर का खाना कम बाहर का खाना ज्यादा प्रयोग में होने लगा है। इसका कारण यह भी है कि अब अधिकतर शहरी लोगों में पति एवं पत्नि दोनों अपने अपने ऑफिस जाते है,तो घर का कार्य कौन करे ?
हमारे यहॉ एक कहावत है ‘‘जैसा खाये अन्न वैसा बने मन,जैसा पीवे पानी वैसी बने वाणी। शरीर का अपना एक तन्त्र है,एक निर्धारित प्रक्रिया है,जिसका पालन करने पर ही व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है।
साहित्यों में ऐसा वर्णन है कि सूर्य की एवं शरीर की गति एक समान होती है।जैसे सूर्योदय के समय सूर्य की तपन कम होती है। उसी प्रकार प्रातःकाल के समय पाचन तन्त्र की जठराग्नि मन्द होती है। यही कारण है कि प्रातः काल के नाश्ते में हल्का और सुपाच्य आहार लेने की सलाह दी जाती है।
जैसे जैसे दिन बढ़ता है वैसे वैसे सूर्य की गर्मी बढ़ती है। उसी प्रकार हमारे पाचन तन्त्र की जठराग्नि भी बढ़ती जाती है। इसीलिए हमें दोपहर का भोजन पर्याप्त मात्रा मेंं भरपेट ग्रहण करने की सलाह दी जाती है।
सांय को सूर्य की तपन कम हो जाती है। उसी प्रकार हमारे पाचनतन्त्र की जठराग्नि भी मन्द हो जाती है,और हमें हल्का एवं समिति मात्रा में भोजन करने की सलाह दी जाती है।
भोजन को श्रेणीयों में विभक्त किया गया है। जैसे सात्विक भोजन,राजसी भोजन,तामसिक भोजन। धार्मिक दृष्टि से लोग सात्विक भोजन को प्राथमिकता देने सलाह देते है।
सूर्यास्त से पूर्व भोजन क्यों करें।
सूर्यास्त से पूर्व भोजन करने के जबरदस्त लाभ जानें Suryast se purav bhojan karane ke jabaradast laabh janiye
हम सभी ने देखा है कि जैसे ही सूर्यास्त की ओर जाता है। वैसे ही पशु,पक्षी यहॉ तक चिंटिया तक रात्रि को भोजन की तलाश में न जाकर, विश्राम के लिए अपने घरों को लौट जाती है। आपने अनुभव किया हो तो पेड़ पौधों में भी रात्रि को एक सन्नटा आ जाता है,लगता है वे भी विश्राम की मुद्रा में है।
परन्तु मनुष्य ही एक ऐसा है जो प्रकृति के नियमों को भी अपनी सुविधा के अनुरूप ढालने का प्रयास करता है। जिसका खामियाजा भी उसकों भुगतना पड़ता है। फिर भी वह अपनी आदतों को सुधारने का कोई प्रयास नहीं कर रहा है।
रात्रि को भोजन नहीं करने के कारण
सूर्यास्त से पूर्व भोजन करने के जबरदस्त लाभ जानें Suryast se purav bhojan karane ke jabaradast laabh janiye
जैन धर्म में तो रात्रि भोजन सख्ती के साथ प्रतिबन्धित है। हम अपनी आजिविका के लिए दिन में मेहनत करते है जिस कारण दिन में हम कुछ भी खा लेें,हमारा खाया पीया सब पच जाता है।
1.अगर हम रात को गरीष्ठ भोजन करते है, परन्तु रात को हमें कोई मेहनत का कार्य भी नहीं करना पड़ता। इस कारण उस भोजन की पर्याप्त रूप से पाचन क्रिया नहीं हो पाती और वह पेट में पड़ा सड़ने लगता है। इस प्रकार का सड़ा हुआ भोजन पेट,वायु,जोड़ों के दर्द आदि बिमारीयों का कारण बनता है। इसीलिए कहा जाता है कि रात को खाने के बाद कुछ टहलना चाहिए।
2.अगर हम रात का भोजन सूर्यास्त से पूर्व कर लेते है,तो भोजन करने एवं सोने के समय में तीन से चार घण्टे का अन्तराल आ जाता है। इस अन्तराल के समय में हम कोई न कोई तो शारीरिक गतिविधियां करते रहते है,जल का भी सेवन करत है। जिस कारण भोजन शरीर में पच जाता है। ऐसा भोजन शरीर को बिमारी नहीं ऊर्जा एवं स्फूर्ति देता है एवं स्वस्थ रखता है।
3.अगर देर रात को हम भोजन करेगे तो हमारा पेट में भारीपन आयेगा, जिससे नीन्द का क्रम बाधित होगा,अनिन्द्रा की स्थिति भी उत्पन हो सकती है। बार बार पेशाब की स्थिति भी बन सकती है।
4.प्रकृति में कुछ जीव ऐसे होते है जो हमारी नग्न आंखों से दिखाई नहीं देते है। वे सूर्य की रोशनी में बाहर नहीं निकलते रात के वातावरण की नमी को महसूस करते ही बाहर निकल आते है, ओैर हमारे भोजन में चिपक कर हमारे पेट में प्रवेश कर जाते है।
यह तो आपने घर पर भी देखा होगा कि बरसात के मौसम में सूर्यास्त होते ही अनेक प्रकार के उड़ने वाले कीट पतंगे वातावरण में आ जाते है। सावधानी नहीं रखने पर वे भोजन में शामिल होकर हमें नुकसान भी पहुॅचा सकते है,हमे अस्वस्थ कर सकते है।
5.रात के समय तामसिक/गरीष्ठ भोजन से हमेशा परहेज किया जाना चाहिए।
सूर्यास्त से पूर्व भोजन करने के लाभ
सूर्यास्त से पूर्व भोजन करने के जबरदस्त लाभ जानें Suryast se purav bhojan karane ke jabaradast laabh janiye
1.अगर आप सूर्यास्त से पूर्व भोजन घर से बाहर बाजार का भोजन करते है, तो आपको स्वच्छ भोजन मिलने की ज्यादा सम्भावना रहती है।
- सूर्यास्त से पूर्व भोजन करने से आपके बिस्तर पर जाने तक भोजन पच जाता है। जिससे शरीर में मोटापा या वसा जमा होने की सम्भावना कम रहती है।
- सूर्यास्त से पूर्व भोजन करने पर आप अपने परिवार को अधिक समय दे पाते है।
- इससे गृहणियों को भी आराम मिलता है।
- रात्रि को आरामदायक नींद आती है।
सूर्यास्त से पूर्व भोजन करने के जबरदस्त लाभ जानें Suryast se purav bhojan karane ke jabaradast laabh janiye
इस पोस्ट का उद्देश्य आपको जानकारी देना मात्र है। इसका किसी चिकित्सकीय रूप में प्रयोग करने से पहले किसी चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से परामर्श करना चाहिए। किसी रोग से पीड़ीत होने पर अपने चिकित्सक से परामर्श के उपरान्त ही योगाभ्यास करना चाहिए एवं योग की शुरुआत हमेशा किसी प्रशिक्षित योग्य प्रशिक्षक के मार्गदशन में ही करनी चाहिए।
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