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सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas

सिर दर्द एक आम समस्या है। जिससे हर व्यक्ति कभी न कभी अवश्य पीड़ित रहा है। सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas सिर दर्द को सामान्यतः गम्भीरता से नहीं लिया जाता है। सिर दर्द होने पर हम अक्सर घरेलू उपचार,कोई दर्द निवारक दवा आदि या फिर सिर मालिश कर आराम लेने का प्रयास करते हैं। जिसका हमें लाभ भी मिलता है और हमारे सिर दर्द में आराम भी आता है।


परन्तु वास्तविकता है कि जब तक हमे हमारे सिर दर्द का कारण ज्ञात नहीं हो हमें स्वयं डाक्टर नहीं बनना चाहिए। बिना कारण जाने दवा का प्रयोग करने से समस्या गम्भीर रूप भी धारण कर सकती है। जिसके घातक परिणाम भी हो सकते है।
अतः सिर दर्द होने पर सबसे पहले हमें अपनी चिकित्सकीय जॉच करवा कर कारण जानना चाहिए। सिर दर्द कई कारणों से हो सकता है। जिसका ज्ञान हमें डॉक्टर की जॉच के बाद ही हो सकता है।

सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas
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सिर दर्द कारण

(सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)

सिर दर्द कुछ कारण जो सामान्यतः देखे जा सकते है।

  1. सिर दर्द मांसपेशियों के तनाव के कारण।
  2. दवाओं के साईड इफेक्ट के कारण।
  3. अधिक समय तक मोबाईल,लेपटॉप,कम्प्युटर पर कार्य करन के कारण।
  4. शरीर में पानी की कमी होने के कारण।
  5. मानसिक तनाव होने के कारण।
  6. शराब या अन्य प्रकार के नशीले पदार्थो का अधिक सेवन करने के कारण।
  7. अधिक तला भुना या गरीष्ठ भोजन लगातार करना।
  8. नींद की प्रर्याप्त पूर्ति नहीं होने के कारण।
  9. भोजन समय पर नहीं करने के कारण।
  10. पेट में गैस या तेजाब बनने के कारण।
  11. जुकाम सर्दी के कारण।
  12. माइग्रेन के कारण।
  13. शारीरिक थकान के कारण।
  14. ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, इंफेक्शन, प्रेगनेंसी, दांत दर्द,ऑखों की परेशानी,के कारण।
  15. रक्त चाप के कारण।
  16. वातावरण में अधिक शोरगुल का होना।
  17.  
  18. इस प्रकार हम देखते है कि सिर दर्द का कोई एक कारण नहीं है। इनमें से कुछ कारण ऐसे है जो गम्भीर नहीं दिखते और हम सामान्य घरेलू उपचार से भी इनका इलाज कर करते है। परन्तु कुछ ऐसे भी है, जिनका ईलाज सिर्फ डॉक्टर ही कर सकते है। अगर सिर दर्द लगातार कुछ दिनों तक बना रहता है, लापरवाही नहीं कर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

सिर दर्द के घरेलू उपचारः-(सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)

(सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)


सामान्यतः सिर दर्द होने पर हम प्राथमिक ईलाज के तौर पर इन्हें अजमा सकते है। परन्तु लगातार सिर दर्द रहने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। ताकि सिर दर्द का सही कारण ज्ञात हो सके।

  1. ठंडी पटी या बर्फ सिर पर लगाना।
  2. अदरक,तुलसी,लौंग की चाय बना कर पीना।
  3. कॉफी का सेवन करना।
    4.नशीले पदार्थो का सेवन बन्द या सीमित करना।
  4. चंदन के पावडर का माथे पर लेप करना।
  5. भोजन में बदलाव कर अधिक मिर्च मशाले,एवं गरिष्ठ भोजन का त्याग करना।
  6. बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाओं का सेवन नहीं करना।
  7. शारीरिक एवं मानसिक तनाव को कम करने के प्रयास करना।
  8. पानी पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए।
    10.नियमित योगाभ्यास एवं प्राणायाम करना चाहिए।
    इन सब उपायों के साथ शारीरिक सक्रियता के लिए सुबह,शाम की सैर,योगाभ्यास,मसाज,मेडिटेशन एवं खानपान के बदलाव के साथ साथ चिकित्सकीय परामर्श भी लेना चाहिए

योगासन

(सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)


अब बात करते है सिर दर्द में लाभदायक योगासन की :-
वैसे तो सिर दर्द में लाभ के लिए बहुत से योगाभ्यास है परन्तु हम यहॉ कुछ ही योगाभ्यास की चर्चा करेगें।


शीर्षासन

  1. शीर्षासन करने की विधिः- (सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)


1.स्वच्छ एवं हवादार खुले स्थान पर शीर्षासन के लिए योगा मैट या मोटा कंबल बिछा लें।
2.अब वज्रासन में ही बैठ जाये।
3.अब अपना सिर आगे जमीन पर टिकाने के लिए तैयार हों।
4.अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों का घेरा बन कर अपने सामने जमीन पर इस प्रकार रखें कि उसमें आप अपना सिर रख सके।
5.आपके हाथों की हथेलियों से बनायें गये घेरे में अपने सिर को टिका दें। ताकि सिर इधर उधर फिसले नहीं।


6.इसके बाद धीरे धीरे बैलेंस बनाते हुए अपनी घुटनों को मोड़ें और अपने सीने के सामने से लेते हुए धीरे धीरे ऊपर की ओर ले जाएं इस दौरान किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करें।
7.सावधानीपूर्वक अपने घुटनों को सीधे करने हुए आसमान की ओर एकदम सीधे खड़े कर दें।
8.प्रारम्भ में आप इस स्थिति में कुछ सैकेण्डों या एक दो मिनट के लिए रूकें। परन्तु पूर्ण अभ्यास होने के बाद आप अपनी क्षमता के अनुरूप शीर्षासन का समय बढ़ा सकते है।
9.इस योगासन के प्रारम्भ में आप किसी दीवार का अथवा अपने किसी सहयोगी का सहयोग ले सकते है। ताकि आपको किसी प्रकार की चोट, हानी नहीं हो ।

शीर्षासन के लाभः- (सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)
शीर्षासन करने के अनकों लाभ है परन्तु हम यहॉ पर कुछ लाभ की बात कर रहे है।
1.पाचन शक्ति अच्छी बनती है।

  1. पुरूष हो या महिला बांझपन की समस्या में सकारात्मक लाभ।
    3.मानसिक तनाव को नियन्त्रित करने में सहयोगी।
    4.अनिद्रा के रोगीयों के लिए लाभदायक।
    5.स्मरण शक्ति का मजबूत बनाता है।
  2. सिर दर्द में लाभदायक।
  3. बाल काले रहते है,असमय झड़ने से रोकने में सहायक।
  4. ध्यान लगाने सहायक।

शीर्षासन के दौरान सावधानियां (सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)
सिर दर्द, गर्दन दर्द, पीठ,हाथों में दर्द,रक्त चाप के रोगियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान एवं मासिक धर्म के समय महिलाओं को भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
शीर्षासन योग्य प्रशिक्षक में मार्गदर्शन में करना चाहिए।
हाई बीपी वाले लोग इस आसन को करने से बचें।


हलासन (सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)


हलासन करने की विधि ।
1-समतल जमीन पर योगा मेट या आसन बिछा कर पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को जांघों के निकट टिका लें।
2-अब आप अपने पांवों को मोड़े बगैर धीरे-धीरे 90 डिग्री पर उठाएं।
3-सांस छोड़ते हुए पैरों को पीठ उठाते हुए सिर के पीछे लेकर जाएं और पैरों की अँगुलियों को जमीन से स्पर्श करायें।
4-श्वांस की गति सामान्य बनाये रखें।
5-प्रारम्भ में आप इस आसन को कुछ सैकेण्डो तक करें। अभ्यास होने के बाद इसका समय बढ़ा सकते है।
6-फिर धीरे धीरे मूल अवस्था में आएं।
7-यह हलासन एक आवृति हुई।
8-इस तरह से आप हलासन की 3 से 5 आवृतियों का दोहराव कर सकते हैं।


हलासन के लाभ ।


हलासन के अनेक लाभ है हम यहॉ पर कुछ लाभ की चर्चा करेंगें।
1.पेट की चर्बी कम करने में सहायक।
2.सिर के बाल झड़ने के रोकने एवं काले रखने में सहायक।
3.चेहरे की खूबसूरती बनाये रखने में सहायक।
4.थायरॉइड ग्रन्थि को सक्रिय रखने में सहायक।
5.गले की समस्यों के लिए लाभदायक।
6.पेट,आन्त के लिए लाभदायक।
7.सिर दर्द निवारण में लाभदायक।
हलासन में सावधानी ।
मेरूदण्ड,उच्च रक्तचाप, कमर दर्द, चक्कर आने एवं हृद्य रोग से पीड़ित व्यक्ति, गर्भवस्था एवं मासिक धर्म के समय महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।

वज्रासन (सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)

वज्रासन की विधि।
1.हवादार स्वच्छ वातावरण में योगा मेट या आसन बिछा कर घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं।
2.इस दौरान दोनों पैरों के अंगूठे को साथ में मिलाएं और एड़ियों को खुली रखें।
3.अब अपने नितंबों को एड़ियों के मध्य स्थापित करें।
4.अपनी हथेलियां को घुटनों पर रख दें।
5.आसन के समय आपना मेरूदण्ड और सिर को सीधा रखें।
6.आपके दोनों घुटनें आपस में मिले हुए होने चाहिए।
7.श्वांस की गति सामान्य बनी रहेगी।
8.वज्रासन की मुद्रा में पांच से 10 मिनट अथवा अपनी सहजता की अवधि तक बैठें।

वज्रासन के फायदे (सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)

  1. वज्रासन मधुमेह के लिए लाभदायक हो सकता है।
  2. मांसपेशियों की मजबूती के लिए लाभदायक हो सकता है।
  3. हृदय और मस्तिष्क में सुधार के लिए लाभदायक हो सकता है।
  4. पैरों की मांसपेशियों एवं जोड़ों के दर्द से राहत के लिए लाभदायक हो सकता है।
  5. पाचन के लिए के लिए लाभदायक हो सकता है।
  6. रक्त संचार में सुधार के लिए लाभदायक हो सकता है।
  7. सिर दर्द में राहत के लिए लाभदायक हो सकता है।

सावधानीः(सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)

निम्नाकिंत स्थिति में वज्रासन करने से परहेज करना चाहिए।
1.कम रक्तचाप की समस्या होने पर।
2.घुटनों में कोई समस्या होने पर।
3.गर्भवती महिलाओं को वज्रासन नहीं करना चाहिए।
4.मेरूदण्ड में किसी तरह की समस्या होने पर।
5.हर्निया, पेट में किसी तरह की समस्या होने पर।
6.किसी प्रकार की सर्जरी हुई होने पर वज्रासन नहीं करना चाहिए।


उक्त आसनों के अतिरिक्त अन्य कई आसन है जिनका भी अभ्यास किया जा सकता है। जैसे पद्मासन,सर्वागासन, पवनमुक्तासन अनुलोम-विलोम प्राणायाम,योग निन्द्रा आदि। (सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas)


इस प्रकार हम देखते है कि अगर नियमित एवं विधि सम्मत तरीके से योगाभ्यास किया जाये तो योगाभ्यास सिर दर्द के साथ साथ सम्पूर्ण शरीर को लाभदायक रहते है। नियमित योगाभ्यास से सम्पूर्ण शरीर के अंग प्रत्यंग प्रभावित होते है जिनसे उनकी क्रियाशीलता में वृद्धि होती है। जिसका हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इस पोस्ट को लिखने का उद्देश्य योग सम्बन्धी जानकारी देना मात्र है । योगाभ्यास का चिकित्सकीय उपयोग हेतू अभ्यास करने से पूर्व अपने चिकित्सक अथवा योगा शिक्षक से परामर्श करना चाहिए।
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FAQ

Sir dard

योग साहित्य के अनुसार कई आसन है जिनका सिरदर्द के उपचार के लिए अभ्यास किया जा सकता है। जैसे शीर्षासन,वज्रासन,,हलासन पद्मासन,सर्वागासन, पवनमुक्तासन अनुलोम-विलोम प्राणायाम,योग निन्द्रा आदि। परन्तु सिरदर्द लगातार रहता हो तो गम्भीर स्थिति हो सकती है। अतः चिकित्सक से अवश्य परामर्श करना चाहिए।
सिर दर्द कुछ कारण जो सामान्यतः देखे जा सकते है। 1. सिर दर्द मांसपेशियों के तनाव के कारण। 2. दवाओं के साईड इफेक्ट के कारण। 3. अधिक समय तक मोबाईल,लेपटॉप,कम्प्युटर पर कार्य करन के कारण। 4. शरीर में पानी की कमी होने के कारण। 5. मानसिक तनाव होने के कारण। 6. शराब या अन्य प्रकार के नशीले पदार्थो का अधिक सेवन करने के कारण। 7. अधिक तला भुना या गरीष्ठ भोजन लगातार करना। 8. नींद की प्रर्याप्त पूर्ति नहीं होने के कारण। 9. भोजन समय पर नहीं करने के कारण। 10. पेट में गैस या तेजाब बनने के कारण। 11. जुकाम सर्दी के कारण। 12. माइग्रेन के कारण। 13. शारीरिक थकान के कारण। 14. ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, इंफेक्शन, प्रेगनेंसी, दांत दर्द,ऑखों की परेशानी,के कारण। 15. रक्त चाप के कारण। 16. वातावरण में अधिक शोरगुल का होना। आदि के अलावा अन्य कारण भी हो सकते है। जिनके बारे में चिक्त्सिक से परामर्श कर जानकारी ली जानी चाहिए।
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One response to “सिर दर्द में लाभदायक 3-योगाभ्यास,Sir Dard Me Labhdayak 3-Yogaabhyaas”

  1. Manju Shekhawat Avatar

    good Labhdayak Jankari

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