योगाभ्यास पवनमुक्तासन करने की विधि,लाभ एवं सावधानियां।Pavanamuktasan Karane Ki Vidhi ,laabh Evm Savadhaniyan
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, पवन मुक्त आसन, Pavanamuktasan Karane Ki Vidhi ,laabh Evm Savadhaniyan इस योगाभ्यास को करने से पाचन तंत्र स्वस्थ होता है, पेट से असाध्य वायु गैस मल द्वार के माध्यम से बाहर निकलती है। यह आसन पेट के स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम माना जाता है। पवनमुक्तासन के अभ्यास में पेट पर असर होता है। जिससे पेट की मांसपेशियां स्वस्थ एवं मजबूत बनती हैं। यह योगाभ्यास प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपयोगी है। इसके नियमित अभ्यास से पेट स्वस्थ तो शरीर स्वस्थ रखा जा सकता है।
आज हम पवनमुक्तासन करने की विधि,लाभ एवं सावधानियों पर चर्चा करेंगे।
पवनमुक्तासन करने की विधि-Pavanamuktasan Karane Ki Vidhi ,laabh Evm Savadhaniyan
- योगासन करने के लिए शांत और खुले वातावरण में योगाभ्यास करें या आसन करके शांति के साथ शांत मन से लेट जाएं।
- अपने एक पैर को सांस लेते हुए दर्द से मुड़कर सीने की तरफ ले जाएं।
- अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को दबाकर पैरों को चिपकाने का प्रयास करें।
- श्वांस ने अपनी गर्दन को ऊपर की ओर झुकाया और नाक से दांत को छूते हुए निशान बनाए।
- अब यही अभ्यास दूसरे पैर के साथ दौहरावें।
- पवनमुक्तासन एक अन्य प्रकार से भी किया जाता है। जिसे द्विपादपावनमुक्तासन कहा जाता है।
- द्विपादपवनमुक्तासन करने की विधिः-
इस अभ्यास में डोनोन्स आदिवासियों को एक साथ घुमाकर दोनों हाथों की सहायता से आराम दिया जाता है। पूर्व की तरह गर्दन को ऊपर उठाकर नाक का मुंह से छुआ जाता है।
यह अभ्यास कुछ कठिन लगता है लेकिन इतना कठिन नहीं है। नियमित अभ्यास से कुछ ही दिनों में यह योगाभ्यास किया जा सकता है।
- इस आसन का 3 से 5 बार तक अभ्यास करना चाहिए।
पवनमुक्तासन के लाभः-
इस योगासन को पेट की समस्यों के संदर्भ में करना चाहिए। यह आसन अपने नाम के रसायन विज्ञान के अनुसार पेट की एलर्जी को शरीर से बाहर निकालता है।
- इस योगासन से पैर मजबूत होते हैं।
- जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
- सिर दर्द के दर्द में दर्द होता है।
- मलशुद्धि होती है।
- कमर दर्द की समस्या का समाधान।
- पाचनतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
- पेट का मोटापा कम करने में सहयोगी है।
पवनमुक्तासन समय सावधानियां-
Pavanamuktasan Karane Ki Vidhi ,laabh Evm Savadhaniyan
- पेट के अल्सर से पीड़ित व्यक्ति को पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- किसी भी प्रकार के दर्द से पीड़ित व्यक्ति को यह योगाभ्यास नहीं करना चाहिए।
- रक्तचाप,हृदय रोग से पीड़ित को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- पवनमुक्तासन खाली पेट नहीं करना चाहिए।
इस लेख को प्राप्त करने का उद्देश्य योग संबंधित जानकारी प्रदान करना है। स्वास्थ्य की दृष्टि से अभ्यास करने से पहले अपने चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से सलाह लेनी चाहिए।
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सामान्य प्रश्न
पवनमुक्तासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए?
पेट के अल्सर से पीड़ित व्यक्ति को पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए। किसी भी प्रकार के दर्द से पीड़ित व्यक्ति को यह योगाभ्यास नहीं करना चाहिए। रक्तचाप,हृदय रोग से पीड़ित को यह आसन नहीं करना चाहिए। पवनमुक्तासन खाली पेट नहीं करना चाहिए
पवनमुक्तासन कितने प्रकार से किया जाता है?
पवनमुक्तासन दो प्रकार से किया जाता है। 1.पवनमुक्तासन जिसमें दोनों यात्रियों से बारी-बारी से योगाभ्यास किया जाता है। 2. द्विपादपवनमुक्तासन जिसमें दोनों से एक साथ योगाभ्यास किया जाता है।
पवनमुक्तासन का क्या लाभ है?
उत्तर – 4
इस योगासन को पेट की समस्यों के संदर्भ में करना चाहिए। यह आसन अपने नाम के रसायन विज्ञान के अनुसार पेट की एलर्जी को शरीर से बाहर निकालता है। इस योगासन से पैर मजबूत होते हैं। जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। सिर दर्द के दर्द में दर्द होता है। मलशुद्धि होती है। कमर दर्द की समस्या का समाधान। पाचनतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। पेट का मोटापा कम करने में सहयोगी है।
3 responses to “योगाभ्यास पवनमुक्तासन करने की विधि,लाभ एवं सावधानियां। Yogabhyas Pavanamuktasan Karane Ki Vidhi ,laabh Evm Savadhaniyan”
sundar
Good
Pet ke liye labhdayak