हलासन के जबदस्त 17 लाभ। Halasan Ke Jabrdast 17 Labh.
हलासन के जबदस्त 17 लाभ। Halasan Ke Jabrdast 17 Labh. हलासन एक संस्कृत शब्द है जिसके दो भाग हैंः “हला“ का अर्थ है “हल“ जो कि खेत में बुआई जुताई करने के लिए किसानों के काम आता है और “आसन“ का अर्थ है “मुद्रा“ या “मुद्रा“।
हलासन एक महत्तवपूर्ण योग आसन है जो शरीर और मन दोनों के लिए लाभकर है। इस आसन में, व्यक्ति अपने शरीर को हल करता है या हल की तरह में स्थापित करता है, जिसकी गर्दन, पीठ, और शरीर की मांसपेशियों में लचक आती है।
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1-हलासन कैसे करें? (हलासन के जबदस्त 17 लाभ। Halasan Ke Jabrdast 17 Labh.)
समतल जगह पर योगा मेट या चटाई बिछा कर शवासन की स्थिति में पीठ के बल लेट जायें।
सांसों का कुम्भक करते हुए,अपने दोनों पैरों को समानान्तर उठाते हुए अपने सीने की सीध में आकाश की ओर खड़े कर दें। आपके पैरों की अंगुलियॉ आपको दिखाई देने लगे। आपके शरीर का वनज आपके कन्धों पर महसूस होने लगे अनुभव करें।
पैरों को धीरे धीरे अपने सिर के पीछे की ओर ले जायें,पैरों के अंगुठे जमीन का स्पर्श करने लगे तब तक नीचे की और ले जायें। इस स्थिति में पैरों के घुटने मुड़ने नहीं चाहिए।
जलंधर बन्ध का अनुभव करें। श्वांस को छोड़ते हुए, श्वांस प्रश्वांस का सामान्य बनाएं रखें।
हाथ जमीन को स्पर्श करते हुए सीधे रहेगें।
कुछ साधक अपने हाथों से अपने पैरों की अंगुलियों को भी पकड़ते है।
आप भी अपनी सुविधानुसार हाथों की स्थिति में परिवर्तन कर सकते है।
15 से 20 सैकेण्ड अथवा अपनी सुविधा अनुसार अवधि में इस मुद्रा में रह सकते है।
धीरे धीरे सामान्य स्थिति में आयें, जल्दबाजी नहीं करें,अन्यथा चोट लगने की सम्भावना बन सकती है।
हलासन एक महत्तवपूर्ण योग आसन है जो शरीर और मन दोनों के लिए लाभकर है।
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2-हलासन के कुछ लाभ हैं :
(हलासन के जबदस्त 17 लाभ। Halasan Ke Jabrdast 17 Labh.)
1. कन्धो और पीठ की मांसपेशियों में लचकः- हलासन करने से, कन्धों और पीठ की मांसपेशियों में लचक आती है। यौवन को बनाए रखता है। मेरूदण्ड को झुकने नहीं देता।
2. थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करना :- थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित किया जा सकता है, जिसके हार्मोन की उत्पत्ति में सुधार होता है।
3. तनाव और अनिद्रा से राहतः- हलासन करने से, तनाव और अनिद्रा से राहत मिल सकती है, जिसके मनुष्य की सामाजिक और व्यवहारिक क्रियाओं में सुधार होता है।
4. लचक में सुधार :- हलासन करने से, मांसपेशियों की लचक में सुधार हो सकता है, जिसके शरीर की क्रियाओं में सुधार आता है।
5. समग्र शरीर में सुधार :- हलासन करने से, शरीर में समग्र सुधार हो सकता है, जिसके शरीर की प्राकृतिक शक्ति में वृद्धि होती है।
6. शरीर की प्राकृतिक शक्ति में वृद्धिः- हलासन करने से, शरीर की प्राकृतिक शक्ति में वृद्धि होती है, जिसके शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि होती है।
7. शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धिः- हलासन करने से, शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि हो सकती है, जैसे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
8. मन की शांति और संतुलनः- हलासन करने से, मन की शांति और संतुलन में सुधार हो सकता है, जिसके मनुष्य की सामाजिक और व्यावसायिक क्रियाओं में सुधार होता है।
10. शरीर की सौंदर्य में वृद्धि :- हलासन करने से, शरीर की सौंदर्य में वृद्धि हो सकती है, जिसके मनुष्य की आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
11.रक्त शुद्धि में सहायकः-हलासन का नियमित अभ्यास रक्त का परिसंचरण बनाए रखने में सहयोगी होता है जिससे रक्त शुद्धि होती है।
12.यौन विकारों का नाशकः-हलासन के अभ्यास के दौरान श्रोणि क्षेत्र में दबाव पड़ता है। जिस कारण यौन विकास नष्ट करने में सहायक होता है।
13. आलास्य को दूर करता हैः- हलासन का नियमित अभ्यास सूक्ष्म तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है। आलस्य को दूर कर शरीर में चुस्ती स्फूति लाता है।
14. गर्भाशय के लिए लाभदायकः- हलासन का नियमित अभ्यास करने से गर्भाशय को मजबूती मिलती है। जिससे संतान प्राप्ति के ईच्छुक दम्पतियों को लाभ मिलता है।
15 मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायकः- हलासन के अभ्यास से इन्सुलिन के स्त्राव में वृद्धि होती है जिससे मधुमेह के रोगियों को लाभ मिलता है।
16. किडनी के लिए लाभप्रदः- हलासन का अभ्यास किडनी को सक्रिय रखता है ।
17. कब्ज दूर करने में सहायकः- हलासन का नियमित अभ्यास से पेट पर पड़ने वाले दबाव से कब्ज को दूर करने में सहयोगी बनता है।
हलासन एक महत्वपूर्ण योग आसन है जो शरीर और मन दोनों के लिए लाभकर है। आसन का नित्य अभ्यास करने से, मनुष्य की सामाजिक और व्यावसायिक क्रियाओं में सुधार हो सकता है।
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3- कुछ सावधानियां जो ध्यान में रखनी चाहिएः
(हलासन के जबदस्त 17 लाभ। Halasan Ke Jabrdast 17 Labh.)
1. गर्भवती महिलाएँः- हलासन गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिऐ। क्योंकि इस गर्भ में चोट आ सकती है।
2. कन्धों या पीठ में चोट या तकलीफ -ः हलासना उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिनके कन्धों या पीठ में चोट या तकलीफ है, क्योंकि इसकी स्थिति बिगड सकती है।
3. उच्च रक्त चाप :- हलासन उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जो उनके उच्च रक्तचाप से पीड़ीत है।
4. हृदय रोगः- हलासन उन लोगों उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जो उनके हृदय रोग से पीड़ीत हैं।
5. मानसिक तनाव :- हलासन उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिनके मानसिक तनाव है, क्योंकि इसकी स्थिति बिगड सकती है।
6. शरीर की स्थितिः- हलासन करने से पहले, अपने शरीर की स्थिति का ध्यान रखें और यदि आपको किसी भी तरह की परेशानी है तो, इस आसन को ना करें।हलासन धीरे धीरे करना चाहिए। वेग के साथ नहीं करना चाहिए।
7. योग गुरु या स्वास्थ्य विशेष से सलाहः-हलासन करने से पहले, योग गुरु या स्वास्थ्य विशेष से सलाह ले और उनकी सलाह का पालन करें।
8. आराम करेंः- हलासन करने के बाद, आराम करें और अपने शरीर को आराम दें।
(हलासन के जबदस्त 17 लाभ। Halasan Ke Jabrdast 17 Labh.)
हलासन एक सरल और प्रभावी आसन है जो शरीर और मन दोनों के लिए लाभकर है। क्या आसन को नित्य अभ्यास करने से, व्यक्ति अपने शरीर और आदमी दोनों के लिए लाभकर हो सकता है। याद रखें कि इस मुद्रा को सावधानी से करें और यदि आपको हलासन करने में कोई असुविधा हो तो इसे संशोधित करें या इससे बचें। किसी योग्य योग प्रशिक्षक या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के साथ अभ्यास करना हमेशा हितकर रहता है।
इस पोस्ट का उद्देश्य योग सम्बन्धी जानकारी देना मात्र है। किसी चिकित्सा सम्बन्धी उद्देश्य से इसका अभ्यास किया जान हो तो योग्य चिकित्सक एवं योगा प्रशिक्षक से परामर्श करना चाहिए।
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4 responses to “हलासन के जबदस्त 17 लाभ। Halasan Ke Jabrdast 17 Labh.”
शानदार जानकारी दी धन्यवाद
Thanks
Very good 💯
Good