चेहरा कैसे चमके- Chehra Kese Chamke
चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke यह हर व्यक्ति की चाहत होती है। चेहरे की चमक व्यक्ति के व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब होती है। किसी भी व्यक्ति का चेहरा और माथा देखते ही आप अनुमान लगा लेते है कि उस व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा है। यहॉ हम इसी विषय पर चर्चा कर रहे है।
चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamkeइसके लिए पौष्टिक आहार के साथ साथ शारीरिक परिश्रम भी आवश्यक है। आज का शहरी जीवन शारीरिक श्रमहीन हो चुका है। अतः व्यक्ति शारीरिक श्रम के लिए जिम,खेल या योगा का सहारा लेने लगा है। चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke इसके लिए उपयोगी कुछ आसनों का विवरण इस प्रकार है।
चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke चमकता हुआ चेहरा,किसी भी व्यक्ति का चेहरा और माथा देखते ही आप अनुमान लगा लेते है कि उस व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा है। यहॉ हम चर्चा कर रहे है चेहरे की चमक के रहस्य की, इसी कड़ी में सर्वप्रथम बात करें,
कपालभाति प्राणायाम (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
कपालभाति प्राणायाम की कपाल कहते है, सिर को और भाति चमकने को एवं प्राणायाम श्वांस लेने की एक प्रक्रिया को कहते है। इस प्रकार मोटे तौर पर कहें तो यह मस्तिष्क को चमकाने की प्रक्रिया है।
कपालभाति प्राणायाम
जब कोई व्यक्ति कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करता है तो उसके द्वारा की जाने वाली श्वांस प्रश्वांस की प्रक्रिया से शरीर से बहुत सी मात्रा में विषैले तत्व श्वांस के साथ बाहर निकल जाते है। जिससे शरीर के साथ साथ मस्तिष्क भी स्वस्थ बना रहता है। बुद्धि भी तीक्ष्ण बनी रहती है।

कपालभाति प्राणायाम करने की विधि (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
पदमासन या सुखासन में बैठ जायें।
गर्दन एवं मेरूदण्ड सीधा रखें।
अपने हाथों की हथेलियों को आकाश की तरफ करते हुए घुटनों पर रखें।
सामान्य रूटिन में साँस अंदर लेतें रहें।
जैसे हम नाक साफ करने के लिए साँस को झटके के साथ बाहर फेंकते है। उसी प्रकार दोनों नथुंनों से एक साथ झटके से सांस को बाहर निकालेगें।
जैसे ही हमारी सांस बाहर निकले हमारा पेट अंदर की ओर पिचकना चाहिए।
ध्यान रहे जैसे गुबारा में हवा भरने पर फुलता है एवं हवा निकालने पर पिचकता है यही स्थिति हमारे सांस और पेट के मध्य रहनी चाहिए। कन्धे और कमर झुके हुए नहीं होने चाहिए।
प्रारम्भ में अधिक नहीं कर, अपनी सामर्थ्य के अनुसार करना चाहिए। अम्यासी होने के उपरान्त प्राणायाम तेजी से किया जा सकता है।
कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास खाली पेट करना चाहिए।
कपालभाति प्राणायाम के लाभ (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास से मुख मण्डल की आभा चमकदार बनती है।
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास से कफ, दोष शान्त होते है,
पाचन तंत्र सशक्त बनता है, पेट की चर्बी कम होती है। रक्त का संचरण सुचारू बनता है। मन शान्त रहता है।
कपालभाति प्राणायाम करते समय साबधानियॉ।
किसी व्यक्ति को किसी प्रकार के जोड़ों के दर्द,कमर दर्द से पीड़ित हों,सर्जरी हुई हो एवं गर्भवती को, मासिक धर्म के समय महिलाओं को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
सर्वांगासन (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
सर्वांगासन योग का नाम तीन शब्दों से मिलकर बना है सर्व, अंग और आसन। सर्व का अर्थ है संपूर्ण, अंग का अर्थ है शरीर के अंग, जबकि आसन का अर्थ है योग मुद्रा। इसलिए इस आसन का अर्थ है संपूर्ण शरीर के अंगों के लिए योग मुद्रा।
सर्वांगासन करने की विधिः- (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
खुले हवादार वातावरण में स्वच्छ आसन पर पीठ के बल लेट जाएँ। हाथ शरीर के साथ सटे हुए एवं पैर एक साथ जुड़े हुए होने चाहिए।
अब अपने पैरों, को बिना घुटना मोड़े उपर की और उठाएँ।
पैरों को उपर उठानें की क्रिया के दौरान अपने हाथों से कमर को सहारा देते रहें, हाथ कमर पर रहें।
पैरों को इतना उपर उठाएं कि शरीर का सारा भार आपके कन्धों पर महसूस होने लगे।
आपके पैर चेहरे की सीध में आसमान की ओर होने चाहिए।
इस स्थिति में आपकी ठोड़ी छाती से लगी रहे। पैर की अंगुलिया आपको दिखाई देती रहनी चाहिए।
ध्यान रहे आपका वजन गर्दन पर नहीं आना चाहिए।
इस स्थिति में अपने सामर्थ्य के अनुसार रूके।
फिर धीरे धीरे अपने घुटनों को मोड़ का छाती की तरफ लायें।
हाथ पूर्व की भॉति जमीन को स्पर्श करावें।
आहिस्ता से अपने नितम्बों को जमीन पर रखते हुए पैरों को सीधा करें ।
इसका दो से तीन बार अभ्यास करना चाहिए।
सर्वांगासन के लाभ (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
चेहरा को चमकदार बनाता है।
मेरूदण्ड को स्वस्थ रखे।
मस्तिष्क को तनाव मुक्त करे।
थायरॉयड ग्रंथि को सक्रिय करे।
पेट एवं कमर की चर्बी को हटाने में सहयोगी।
सर्वांगासन करते वक्त सावधानियां
मेरूदण्ड की समस्याओं,उच्च रक्तचाप,थायराईड,हृद्य की समस्याओं वाले एवं किसी प्रकार की सर्जरी वालें लोगों को इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
पादहस्तासन (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
पादहस्तासन तीन शब्दों से मिलकर बना है। पहला है पाद यानी पैर और दूसरा हस्त यानी हाथ और तीसरा है आसन । इसी वजह से इसे पादहस्तासन कहा जाता है। इस योगासन में आगे की ओर झुककर नाक को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों को छुआ जाता है।

पादहस्तासन योग करने की विधि।
सबसे पहले साफ और हवादार स्थान पर योग मैट बिछाएं।
इस योगासन के अभ्यास में दोनों पैरों को मिला कर सावधान की मुद्रा में योग मेट पर सीधे खड़े हो जायें।
श्ंवास को भरते हुए दोनों हाथ सिर के उपर ले जाये।
मूल एवं उड्डियान बन्ध लगा कर धीरे धीरे आगे की ओर झुक जायें।
अपने हाथों से अपने दोनों पैरों के अंगुठों को पकड़े नाक घुटनों से स्पर्श करावें ।
पैर सीधे रखें घुटनों को मुड़ने नहीं दें।
इस आसन का दो से तीन बार अभ्यास करना चाहिए।
पादहस्तासन के फायदे (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
इस आसन का अभ्यास करने से शरीर का रक्त संचार बढ़ता है जिससे चेहरे पर चमक आती है।
पाचन शक्ति बढ़ती है।
मानसिक तनाव दूर होता है।
पादहस्तासन और सावधानियां
पीठ दर्द,कन्धें या गर्दन दर्द के पीड़ित,सर्जरी हो चुकी हो उनको यह आसन चिक्त्सिक के परामर्श के उपरान्त ही करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।
अधोमुखश्वानासन (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
अधोमुखश्वानासन तीन शब्दों मे बना है जिसका पहला शब्द है अधोमुख जिसका अर्थ है मुख नीचे के ओर दूसरा शब्द है श्वान जिसका अर्थ कुत्ता होता तीसरा शब्द है आसन जिसका अर्थ है बैठना।

अधोमुखश्वानासन करने की विधि। (चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
हवादार स्वच्छ वातावरण में योग मैट पर वज्रासन में बैठ जायें।
अब श्वांस को भीतर की ओर खींचते हुए अपने पैरों और हाथों के बल पेट और पीठ को उपर की और उठाएं। आसन के नाम के अनुरूप जम्हाई लेते हुए श्वान की आकृति में आने का प्रयास करें।
अब श्वांस को बाहर निकालते हुए धीरे धीरे अपने नितम्बों को उपर की ओर उठाएं।
हथेलियॉ एवं पैर की ऐड़ीया]पंजे जमीन पर टिके रहेंगे।
अपनी कुहनियों और घुटनों पर पूरा तनाव दें।
अब अपने हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं] शरीर को उपर की और जाने दें और गर्दन को कण्ठकूप से लगायें।
आपके कान आपके हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें।
आपकी गर्दन नीचे की और तथा आपकी दृष्टि नाभि पर रहनी चाहिए।
इसी स्थिति में अपने सामर्थ्य तक रुकें और उसके बाद अपने घुटनों को जमीन पर टिकाते हुए,वापस बालासन की स्थिति में आ जाएं।
यह आसन खाली पेट करना चाहिए।
अधोमुखश्वानासन के लाभ
(चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
इस आसन में रक्त का संचार बढ़ता है] जिससे चेहरे की चमक बढ़ती है।
इसके अभ्यास से पाचनतन्त्र मजबूत बनता है। आन्तरिक अंगों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
हाथ पैरों को ताकत]मजबूती मिलती है।
मानसिक शान्ति को मजबूती मिलती है।
अधोमुखश्वानासन में सावधानी
(चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने]हाई ब्लड प्रेशर]हाथ पैर कमजोर होने एवं गर्भवती महिलाओं को इस आसन को नहीं करना चाहिए।
इस प्रकार हम देखते है कि चेहरा कैसे चमके, Chehra Kese Chamke इसके लिए योगासन एक महत्वपूर्ण सहयोगी हिस्सा हो सकता है। परन्तु इसके लिए पौष्टिक आहार का सेवन भी किया जाये तो अधिक लाभ मिलने की सम्भावना बन जाती है।
(चेहरा कैसे चमके Chehra Kese Chamke)
किसी रोग से पीड़ीत होने पर अपने चिकित्सक से परामर्श के उपरान्त ही योगाभ्यास करना चाहिए एवं योग की शुरुआत हमेशा किसी प्रशिक्षित योग्य प्रशिक्षक के मार्गदशन में ही करनी चाहिए।
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FAQ
3 responses to “चेहरा कैसे चमके- Chehra Kese Chamke”
Very great article, must read
Swasthy ke liye jagruk karne wala
Good