एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
आज हम बात कर रहें है एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav. की। एसिडिटी एक आम स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। जिसका मुख्य कारण गलत खानपान के कारण पाचन प्रणाली में विजातीय तत्वों की अधिकता के कारण पाचनतन्त्र में असंतुलन होना है।
एसिडिटी, को अम्लता या गैस्ट्रिक समस्या के नाम से भी जाना जाता है, यह एक आम स्वास्थ्य समस्या है।

1-एसिडिटी क्या है? Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
आज हम बात कर रहें है एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav. की,हमारे पेट में हमारा शरीर स्वतः क्रिया द्वारा हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric Acid) का स्त्राव करता है, जिसका कार्य हमारे द्वारा ग्रहण किये गये भोजन को पचाने में मदद करना होता है। लेकिन जब यह एसिड हमारे शरीर में आवश्यकता से अधिक स्त्रावित होने लगता है,तो उस स्थिति में हमें अपच,गैस्ट्रिक,पेट का अल्सर,गले एवं पेट में जलन,खटी डकारों का अनुभव होने लगता है जो कि एसिडिटी या अम्लता की समस्या उत्पन्न होने के लक्षण होते हैं।
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2-एसिडिटी के लक्षण Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
आज हम बात कर रहें है एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav. की,एसिडिटी होने पर आमतौर पर सीने और पेट में जलन व खट्टी डकारें आना,पेट में जलन, तीव्र पेट दर्द, अपच,गले में जलन,पेट का पानी मुंह में आना, उल्टी होना, कब्ज और अपच ,आंतरिक बेचैनी,या चिंता की भावना,सिरदर्द होना एसिडिटी के सामान्यतौर पर दिखाई देने वाले लक्षण होते है।
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3-एसिडिटी के प्रमुख कारण Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
1.खानपान- भोजन में अधिक तला-भुना, मिर्च मसालेदार और अधिक तेलयुक्त भोजन का सेवन करना एसिडिटी का कारण बन सकता है।
अनियमित भोजन – आज के भागदौड़ पूर्ण जीवन में अधिकतर लोगों का भोजन करने का कोई नियत समय नहीं होने के कारण उनके भोजन करने का कोई समय निश्चित नहीं होता। दोनों समय के भोजन के बीच जो अन्तराल होना चाहिए। वह नही मिलता जिस कारण कभी जल्दी और कभी लंबे समय तक भूखे रहना भी एसिडिटी को बढ़ावा देता है।
2-कैफीन का प्रयोग – आज औचरिकता के रूप में घर हो या आफिस सभी जगह चाय,कॉफी पीने पिलाने का चलन होने के कारण चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन अधिक होने लगा है जो पेट में एसिड बढ़ा सकता है,वंही एसिडिटी का कारण बनता है।
3-धूम्रपान और शराब- आज आधुनिकता के नाम पर विशेषकर युवावर्ग में धूम्रपान और शराब का सेवन करने का अत्यधिक प्रचलन होता जा रहा है । यह भी एसिडिटी होने का कारण बन सकता है।
4-तनाव और चिंता -आज का युवा प्रतिस्पर्धा में इतना बढ़ गया है कि वह अपना सामाजिक,व्यापारिक स्टेस बनाऐ रखने के नाम पर दिन रात इतनी मेहनत करता है कि उसको उसमें उत्पन होने वाले मानसिक तनाव और चिंता का भी ज्ञान नहीं हो पाता,यही चिन्ता और तनाव उसको एसिडिटी के रूप में कब परिवर्तित हो जाती है ,उसे पता भी नहीं चलता ।
5-पानी का कम सेवन-शरीर की दैनिक आवश्यता के अनुरूप पानी नहीं पीने से हमारे शरीर में पानी की कमी होने के कारण भी एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
6-दवाइयाँ- कुछ दवाइयाँ, जैसे कि एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक दवाइयाँ, पेट की अम्लता को बढ़ा सकती हैं।
7-भूख से अधिक खाना :- भूख से अधिक भोजन करने से हमारे पाचन तंत्र पर अनावश्क रूप से दबाव बढ़ता है, जिससे पाचन तन्त्र की क्रिया धीमी पड़ जाने के कारण भी भोजन के अधिक समय तक हमारे आन्तों में रहने के कारण भी एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
8.होटल,रेस्टोंरेण्ट का भोजन – कुछ लोगों को बाहर होटल का खाना मजबूरी हो सकती है,परन्तु आजकल यह प्रचलन में भी है, कि खाना,नाश्ता या अन्य खाद्य सामग्री बाजार से मंगवाकर खायी जाती है। उस सामग्री में घर जैसी न तो शुद्धता होती है और न ही गुणवता, यह खाद्य सामग्री अधिक मसालेदार एवं तेल युक्त होती है । अतःयह खाद्य सामग्री भी एसिडिटी पैदा करने में सहायक बन सकती है।
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4-एसिडिटी से बचाव- Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
आज हम बात कर रहें है एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav. की,आपने एसिडिटी के कारणों को ऊपर जाना, जब आप एसिडिटी होने के कारणों से परिचित हो जाते हैं,तो एसिडिटी से बचाव के उपायों को अपनाने में आपको आसानी हो जाती है। आप इन उपायों को आसानी से अपने व्यवहार में ला सकतें है। अब इसी पर चर्चा करते है।
1. पोष्टिक और शुद्ध आहार– अपना भोजन अपने शरीर की प्रकृति के अनुरूप निर्धारित करें, उचित होगा भोजन कम मसालेदार ,कम तेल एवं कम तला हुआ होना चाहिए। भोजन में दही,छाछ,एवं फाइबर युक्त खाद्य सामग्री को आवश्यक रूप से शामिल किया जाना चाहिए। जैसे फल,अंकुरित अनाज एवं दालें आदि।
2.दो भोजन के बीच में सही अन्तरालः– जैसे हम सामान्यतः नाश्ता,दोपहर का भोजन,सायं का नाश्ता एवं रात्रि का भोजन सहीत दिन में चार बार भोजन करते है। एसिडिटी से बचाव के लिए आवश्यक होगा। इन चारों भोजन के बीच में हम एक पर्याप्त अन्तराल निर्धारित कर रखें, जिससे हमारे पाचन तन्त्र,आन्त,आमाश्य पर अनावश्यक दबाव नहीं आयेगा। भोजन को पचने का पर्याप्त समय मिल जाने के कारण एसिडिटी बनने की सम्भावना कम हो जायेगी।

3.पानी का उचित मात्रा में सेवनः– एसिडिटी का एक कारण हमारे द्वारा पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं करना भी हो सकता है। हमें दिनभर में कम से कम 6 से 8 गिलास शुद्ध पानी का सेवन करना चाहिए। ताकि हमारा शरीर पाचन क्रिया को सही तरह से सम्पन कर सकें।
4. तनाव मुक्त जीवनः– हमें अपने परिवार में पर्याप्त समय बिताना चाहिए। ताकि तनाव हमारे जीवन में प्रवेश ही नहीं कर सके। तनाव भी कब्ज एवं एसिडिटी को पनपने में बहुत बड़ा रोल अदा करता है। अतः हमें अपनी रूची अनुसार पुस्तकें पढ़ने,संगीत,नृत्य अथवा अन्य विद्याओं में समय लगाना चाहिए, जिससे तनाव मुक्त रह सकें।
5.शारीरिक व्यायामः– अगर हम अपनी रूची के अनुसार कोई खेल अथवा योगा,प्राणायाम करते है, तों यह भी हमारे को एसिडिटी से मुक्त रहने में काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
6.मद्यपान एवं धुम्रपान से दूरीः– अगर हम बीड़ी,सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पादों एवं शराब आदि का सेवन करते है, तो इसके कारण हमारा पाचन तन्त्र एवं अन्य अंग शिथिल होने लगते है। जिस कारण एसिडिटी हमारे पाचन तन्त्र पर प्रभावी होकर अपने लक्षण प्रगट करने लगती है, और हम एसिडिटी से पीड़ित होकर परेशान होने लगते है।
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5-एसिडिटी का इलाज क्या है? Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
आज हम बात कर रहें है एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav. की,जब भी हमें एसिडिटी का प्रभाव नजर आता है अथवा हम एसिडिटी से पीड़ीत होते है। तो हम एंटासिड का सेवन करते है और हमें तुरन्त राहत अनुभव होने लगती है।
एसिडिटी का उपचार हमारे एलोपेथिक के साथ साथ आयुर्वेद एवं हमारी दादी नानी के नुस्खों में भी मिलता है। जिनकी चर्चा हम यहॉ करेंगें।
6-एसिडिटी में आहारः- Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
आज हम बात कर रहें है एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav. की,एसिडिटी को नियन्त्रित करने में आहार का समय और प्रकार का चयन करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए हमें अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हमारा आहार शुद्ध प्राकृतिक रूप का होगा तो यह अधिक प्रभावी होगा क्योकि इस तरह के भोजन में मसाला एवं तेल की मात्रा नहीं होने पर यह हमारे पाचन तन्त्र को कोई हानि नहीं पंहुचाएगा।
आहार चयन में आपकी सहायता एवं सुविधा के लिए कुछ सुझाव दिये जा रहे है।
1. हमारे आहार में हमें अंकुरित मोटे अनाज को हमेशा शामिल करना चाहिए।
2. सब्जियां और फल :- हमारे आहार में ताजी सब्जियॉ और फल अवश्य होने चाहिए।
फल ऐसे होने चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो। आलू और प्याज का सेवन कम से कम करना चाहिए।
3. अनाजः– अगर हम अपने डाईट प्लान में हमेशा हल्का एवं सुपाच्य भोजन शामिल रखतें है, तो एसिडीटी होने की सम्भावनाएं घट जाती है। भोजन में हमें दलिया, खिचड़ी, दूध, ब्राउन चावल, ओट्समील, जैसे खाद्यान को शामिल करना चाहिए।
4. पानी का सेवनः– हमारे शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। हमें पर्याप्त मात्रा में दिनभर में 6 से 8 गिलास पानी पीना चाहिए। जिसमें नींबू की शिंकजी,हरे नारियल का पानी भी पीना चाहिए।
5. एक बार में कम खानाः– एक बार में अधिक खाने के बजाय थोड़ थोड़ा कर दिन में कई बार खाने से एसिडिटी नियन्त्रित करने में सहायता मिलती है।
6. सादगी पूर्ण खाद्यः– हमें अपने भोजन में कम मसाले के अतिरिक्त समोसा, कचौड़ी , फास्ट फूड, कार्बनेटेड ड्रिंक्स, ज्यादा मिठाई, चॉकलेट, चाय,काफी,धुम्रपान एवं मद्यपान का बहुत ही नियन्त्रित उपयोग करना चाहिए।
7-एसिडिटी में दादी, नानी के नुस्खें – Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
आज हम बात कर रहें है एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav. की,एसिडिटी होने पर आम तौर पर हर घर में दादी नानी के घरेलू नुस्खें भी प्रयोग में लिए जाते है। कुछ प्रचलित नुस्खें इस प्रकार है।
नारियल पानी ,तरबूज- नारियल पानी ,तरबूज जैसे पानी से भरपुर फलों का सेवन हमारी एसिडिटी को नियन्त्रित करने में सहायक होते हैं।
जीरा और सौंफ- जीरा और सौंफ को चबाना या सौफ का मिश्रीयुक्त पानी पीना चाहिए।यह भी एसिडिटी को नियन्त्रित करने में सहयोगी होता है।
ठंडा दूध- एसिडिटी होने पर एक गिलास दूध बिना बर्फ के ठण्डा कर के पीने से एसिडिटी में तुरन्त राहत मिलती है।
पुदीना पते- पुदीने के कुछ पतों को चबाने या पतों का रस निकाल कर पीना चाहिए। यह एसिडिटी में काफि आराम देता है।
8-एसिडिटी में योग का लाभः- Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav.
आज हम बात कर रहें है एसिडिटी लक्षण,कारण और बचाव।Acidity Lakshan,Karan Aur Bachav. की,एसिडिटी होने पर अन्य उपचार के साथ साथ योगाभ्यास का प्रयोग किया जाना चाहिए। अगर हम इन योगाभ्यास का नियमित अभ्यास अपने जीवन में करते है, तो एसिडिटी के साथ साथ अन्य बहुत ही असरदार लाभ मिलने की सम्भावन हो जाती है। इन योगासनों के नियमित अभ्यास से हमारा पाचन तंत्र सक्रिय एवं मजबूत होता है। जिस कारण पेट की जलन,गैस, आदि की समस्या में राहत मिलती है।
कुछ लाभदायक योगों का विवरण निम्नानुसार है :-
वज्रासन ।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन ।
पवनमुक्तासन ।
भुजंगासन ।
सर्वांगासन ।
शीतली प्राणायाम ।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम।
चन्द्रभेदी प्राणायाम।
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निष्कर्ष
हमने जाना कि एसिडिटी एक सामान्य लेकिन कष्टकारी समस्या है। इसे घरेलू नुस्खों को अपनाकर ,अपने खानपान को सुधार कर,दैनिक जीवनचर्या को सन्तुलित और संयमित कर और योगाभ्यास को अपनाकर आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
इसके बाद भी यह बनी रहती है,तो चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
इस पोस्ट का उद्देश्य सामान्य जानकारी देना मात्र है। कोई भी शारीरिक समस्या होने पर अपने चिकित्सक एवं योग गुरू से परामर्श कर मार्गदर्शन लिया जाना चाहिए।
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