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योगासन से शरीर का ऑक्सीजन लेवल कैसे बढ़ाऐं ? Yogasan Se Sharir Ka Oxygen Level Kaise Badhaye ?

मनुष्य हो या कोई भी जीव जन्तु जीवन जीने के लिए ऑक्सीजन का सेवन करना अति आवश्यक होता है।आज बात करेंगें Yogasan Se Sharir Ka Oxygen Level Kaise Badhaye ? ऑक्सीजन के अभाव में जीवन का नष्ट होना निश्चित है।
ऑक्सीजन के अभाव में हृद्य सम्बन्धी रोग पनपने लगते है। जिसका कारण है, शरीर की प्रत्येक कौशिका तक ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं होना। अगर नियमित रूप से सही मार्गदर्शन में योगाभ्यास एवं प्राणायाम का अभ्यास किया जाये तो शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का लक्ष्य प्राप्त कर स्वस्थ एवं निरोग रहा जा सकता हैYogasan Se Sharir Ka Oxygen Level Kaise Badhaye ?

                                                  Photo -pixabay

ऑक्सीजन क्या है ?  Yogasan Se Sharir Ka Oxygen Level Kaise Badhaye ?

प्रत्येक प्राणी श्वसन क्रिया द्वारा ऑक्सीजन का उपभोग अपने शरीर में करता है। ऑक्सीजन शरीर में ईंधन का कार्य करती है। यह शरीर में जाकर चयपचय क्रिया में सहयोगी बन कर भोजन को ऊर्जा में बदलने का कार्य करती है एवं रक्त से साथ मिल कर शरीर की प्रत्येक कौशिका में प्रवेश कर शरीर को स्वस्थ रखने में सहयोगी बनती है।

पूरे वायुमण्डल में उपस्थित गैसों में ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और हीलियम के बाद तीसरे स्थान पर आता है। यह वायुमण्डल में उपस्थित गैसों में 21 प्रतिशत की मात्रा में उपस्थित है। ऑक्सीजन गैस का कोई स्वाद,रंग एवं गन्ध नहीं होती है।
शरीर में ऑक्सीजन की कमी क्यों होती है?
रक्त में ऑक्सीजन की कम मात्रा फेफड़ों और हृदय रोगों, जन्मजात हृदय दोषों और दवाओं के दुष्परिणामों के कारण हो सकती है।

शरीर में ऑक्सीजन की कमी के क्या लक्षण है?      Yogasan Se Sharir Ka Oxygen Level Kaise Badhaye ?

ऑक्सीजन कम होने की जानकारी निम्न लक्षणों से प्राप्त हो सकती है।
1. सांस लेने में तकलीफः- हल्की सी मेहनत का कार्य करने या सीढ़ियां चढ़ने से सांस फूलने की समस्या होने पर माना जाना चाहिए कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही
2. शरीर में नीला रंग दिखाई देना :- अगर किसी व्यक्ति के होंठ,नाखून या शरीर का रंग नीला दिखाई देने लगे तो यह भी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होना का संकेत होता है।

2. हृदय गति का बढ़ना :- अगर किसी व्यक्ति की हृदय गति बढ़ जाती है तो यह भी ऑक्सीजन कम होने का संकेत होता है। क्योंकिं ऑक्सीजन की कमी होने पर शरीर ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए जल्दी जल्दी श्वसन क्रिया करने लगता है। जिससे शरीर अपनी ऑक्सीजन की आवश्यकता की पूर्ति कर सके।
3. थकान का अनुभव होनाः- अगर किसी व्यक्ति को थकान का अनुभव हो रहा है, तो यह शरीर में ऑक्सीजन की कमी का लक्षण हो सकता है।

4. चक्कर आना बेहाशी आनाः- भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर अक्सर हम देखते है कि कई व्यक्तियों को चक्कर आ जाते है या बेहोशी के स्थिति में आ जाते है। इसका कारण भी भीड़ के कारण उस स्थान पर ऑक्सीजन की कमी होना होता है। जैसे ही उस व्यक्ति को खुले स्थान या हवादार स्थान पर लाया जाता है। वह अपने आपको स्वस्थ महसूस करने लगता है। (Yogasan Se Sharir Ka Oxygen Level Kaise Badhaye ?)

सामान्यतः इन लक्षणों से शरीर में ऑक्सीजन की कमी को महसूस किया जा सकता है। सही एवं अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

घर पर शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कैसे बढ़ाएं?  (Yogasan Se Sharir Ka Oxygen Level Kaise Badhaye ?)

कुछ सामान्य प्राथमिक उपाय है, जो दैनिक जीवन में अपना कर ऑक्सीजन की आपूर्ति को नियमित रखा जा सकता है।

1. प्राणायामः-योग साधना में प्राणायाम का अपना महत्व है। प्राणायाम पूर्णतः श्वसन क्रिया पर आधारित है। जैसे अनुलोम विलोम,भ्रामरी,चन्द्रभेदी प्राणायाम क्रिया आदि इनके अभ्यास में श्वांस-प्रश्वांस का अभ्यास किया जाता है। जिससे फेफड़े फैलते है,मजबूत बनते है। जिससे उनकी श्वांस ग्रहण करने एवं ऑक्सीजन की मात्रा को ग्रहण करने की क्षमता का विकास होता है। जब शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को अधिक मात्रा में रोकने या ग्रहण करने की क्षमता अधिक होगी तो स्वाभाविक है। शरीर अधिक स्वस्थ बना रहेगा।

2. मोटापा को नियन्त्रित रखनाः- यह हम सबने महसूस नहीं किया तो देखा तो है कि मोटापा के कारण काफी लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। सांस लेना मुश्किल मतलब शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना। अगर शरीर में मोटापा नहीं होगा, तो शरीर को प्रयाप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल पायेगी। नियमित योगाभ्यास मोटापा कम करने में काफी सहयोगी होता है।
2. पानी का अधिक सेवन करना :- आप सभी यह तो जानते ही है, कि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा भरपूर होती है। अगर पानी अथवा तरल पदार्थो का अधिक से अधिक सेवन किया जाये तो शरीर को ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति को सकती है।

3. आवास या कार्य स्थल का हवादार होनाः- जहॉ आप रहते है अथवा कार्य करते है। उस स्थान पर हवा के आवागमन की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि स्वच्छ और ताजी पर्याप्त मात्रा में हवा हमें प्राप्त होती रहे।
4. समुचित आहार का प्रयोगः- हमें अपने भोजन में ऐसे पदार्थो को शामिल करना चाहिए जो एंटीऑक्सीडेंट एवं पानी से भरपूर हो जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, जामुन, खट्टे फल, मेवे और बीज ।
इस सम्बन्ध में आपको अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।

पिछले काफी समय से लोगों में योग के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है। इसी का परिणाम है कि आज योग प्रशिक्षकों,योग गुरूओं की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है,जो नियमित रूप अपने केन्द्रों में या ऑन लाईन योगाभ्यास करवा कर लोगों को स्वास्थ के प्रति जागरूक कर रहे है एवं स्वास्थ्य लाभ दे रहे है।
इससे पहले यह समझना आवश्यक है कि वास्तव में योग क्या है। यह जीवन जीने का एक तरीका है जिसका लक्ष्य स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग की ओर है।योग के माध्यम से यदि आप अपनी ऊर्जा को उल्लासपूर्ण और आनंदित होने में सक्षम बनाते हैं, तो आपका संवेदी शरीर विस्तारित होता है।
योग का महत्व
योग के कुछ फायदे इस प्रकार हैंः

  • मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार लाता है.
  • तनाव का स्तर कम होना.
  • लचीलापन बढ़ाता है.
  • रक्तचाप कम करता है.
  • फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है.
  • चिंता से राहत मिलती है.
  • पुराने पीठ दर्द से राहत दिलाता है.
  • मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा को कम करता है.
  • संतुलन की भावना में सुधार करता है.
  • मजबूत हड्डियाँ.
  • स्वस्थ वजन.
  • हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है.
  • उन्नत परिसंचरणः- योग आपके रक्त संचार को बेहतर बनाता है। ऑक्सीजन रक्त के माध्यम से ही शरीर की प्रत्येक कौशिका तक पहुंचती है,परिणाम स्वरूप स्वस्थ अंग और चमकती त्वचा प्राप्त होती है।
  • मनोस्थिति को बेहतर बनाने में सहायकः-नियमित रूप से योगाभ्यास करने से तनाव दूर होता है। मानसिक शान्ति प्राप्त होती है। जिस कारण मनुष्य को दिनभर ताजगी भरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • निम्न रक्तचाप एवं पल्स रेट पर नियऩ्त्रणः-नियमित रूप से योगाभ्यास करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। जिस कारण रक्त संचार का प्रवाह बढ़ता है, और रक्तचाप एवं पल्स रेट सन्तुलित बना रहने में सहायता होती है।

ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए कौन सी एक्सरसाइज?

जीवन के लिए ऑक्सीजन बहुत ज़रूरी है। हृदय या श्वसन संबंधी विकार के कारण हममें से कुछ लोग अपने शरीर की कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं दे पाते। उचित योग अभ्यासों से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
योग किसी भी अन्य व्यायाम से अलग है। यह एक विस्तृत विज्ञान है और इसे समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि हम जो करते हैं, वह क्यों करते हैं।

ऑक्सीजन में आसनों का प्रभाव
योगासन तीन प्रकार से किये जाता है।
1.खड़े होकर।
2.बैठ कर ।
3.लेटकर ।
1.खड़े होकर किए जाने वाले योगासन -खड़े होकर किसे जाने वाले आसनों में मेरूदण्ड को एकदम सीधा रखा जाता है। जिस कारण सीने एवं पीठ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मांसपेशियां मजबूत बनती है। फेफड़ों की ऑक्सीजन भण्डारण की क्षमता बढ़ती है। जैसे ताड़ासन, गरूड़ासन
2.लेटकर किये जाने वाले योगासन – लेटकर किये जाने वाले आसन दो प्रकार से किये जाते है। पेट के बल लेटकर जैसे अधो मुख श्वानासन, धनुरासन, भुजांगासन एवं पीठ के बल लेटकर सेतुबंधासन,सुप्तवज्रासन किये जाते है।

बैठकर किये जाने वाले योगासन-योगमुद्रा, गौमुखासन
इन सभी योगाभ्यासों से सीने,फेफड़े पर दबाव,खिंचाव आता है जिससें इन अंगों की मालिश होती है,फलस्वरूप इन अंगों की कार्यक्षमता बढ़ती है। चुंकि फेफड़ों का कार्य ऑक्सीजन को ग्रहण करना एवं रक्त के माध्यय से शरीर के प्रत्येक अंग तक पहुंचाना होता है। इसलिए इन अंगों का स्वस्थ एवं मजबूत होना आवश्यक है। इन योगाभ्यास से इन अंगों को मजबूती मिलती

क्या प्राणायाम से ऑक्सीजन का स्तर बढ़ सकता है?

प्राणायामः-
प्राणायाम अभ्यास पूर्णतः श्वसन क्रिया पर आधारित होता है। जब हम लम्बे और गहरे श्वांस को भीतर लेते है,तो भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन हमारे शरीर में प्रवेश करती है। कुम्भक की स्थिति में ऑक्सीजन को हमारे फेफड़ों के माध्यम से हमारे रक्त में घुलने का पर्याप्त समय मिल जाता है। इस प्रकार प्राणायाम के अभ्यास से हम अपने शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में पूर्ति कर सकते है।  इन प्राणायामों का अभ्यास कर सकते है ,अनुलोम-विलोम प्राणायाम , चन्द्रभेदी प्राणायाम .

चन्द्रभेदी प्राणायाम कैसे करें क्लिक करें

योगाभ्यास एवं प्राणायाम करते समय हमें अपने अभ्यास पर ही ध्यान रखना चाहिए। इन अभ्यास के दौरान जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। अन्यथा लाभ के बजाय नुकसान होने की सम्भावना भी बन जाती है।
कोविड के समय लोगों ने इन योग और प्राणायाम का अभ्यास कर अपना ऑक्सीजन लेवल मेंण्टेन करने में लाभ उठाया/स्वास्थ्य प्राप्त किया था। यह हम सभी जानते है।

योग फेफड़ों को साफ करने और डिटॉक्स करने के लिए प्रभावी तरीके प्रदान करता है ।

सारांशः-

ऑक्सीजन का महत्व वैसे तो हम सभी जानते है कि प्रत्येक प्राणी जीव-जन्तु का जीवन ऑक्सीजन के बिना सम्भव नहीं है। ऑक्सीजन के लिए पेड़ों पर निर्भर रहना पड़ता है।
ऑक्सीजन का वास्तविक महत्व हमे कोविड-19 के दौरान अनुभव हुआ,जब लोगों के साथ साथ ऑक्सीजन की कमी होने पर विश्वभर की सरकारों के हाथ पांव फूले हुए थे। ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए रात दिन एक कर नये नये संयत्र स्थापित किये गये।
लोगों ने अपने स्तर पर योग एवं प्राणायाम का सहारा लेकर अपना जीवन बचाने के प्रयास किये।

इस प्रकार हम देखते है कि अगर हम अपने जीवन में नियमित रूप से योग प्राणायाम का अभ्यास जारी रखते है। तो हमारे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति नियमित रह सकती है। अतः हमें अपनी दिनचर्या में योग एवं प्राणायाम को आवश्यक रूप शामिल कर लेना चाहिए।

इस पोस्ट को लिखने का उद्देश्य योग प्राणायाम की जानकारी उपलब्ध करवाना मात्र है। किसी चिकित्सकीय उद्देश्य से योग प्राणायाम का अभ्यास करने से पूर्व अपने चिकित्सक एवं योगा प्रशिक्षक से अवश्य परामर्श करना चाहिए। वे आपकी शारीरक आवश्यकताओं की अधिक जानकारी प्रदान कर सकेगें।

FAQ

oxygen

शरीर का ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए ताड़ासन,गरूड़ासन,उष्ट्रासन,भुजंगासन,सेतुबन्धासन,सुप्तवज्रासन, योग मुद्रा एवं गोमुखासन आदि योगासन एवं अनुलोम विलोम तथा चन्द्रभेदी प्राणायाम करने करने चाहिए।
कुछ सामान्य प्राथमिक उपाय है, जो दैनिक जीवन में अपना कर ऑक्सीजन की आपूर्ति को नियमित रखा जा सकता है। 1. प्राणायामः-योग साधना में प्राणायाम का अपना महत्व है। प्राणायाम पूर्णतः श्वसन क्रिया पर आधारित है। जैसे अनुलोम विलोम,भ्रामरी,चन्द्रभेदी प्राणायाम क्रिया आदि इनके अभ्यास में श्वांस-प्रश्वांस का अभ्यास किया जाता है। जिससे फेफड़े फैलते है,मजबूत बनते है। जिससे उनकी श्वांस ग्रहण करने एवं ऑक्सीजन की मात्रा को ग्रहण करने की क्षमता का विकास होता है। जब शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को अधिक मात्रा में रोकने या ग्रहण करने की क्षमता अधिक होगी तो स्वाभाविक है। शरीर अधिक स्वस्थ बना रहेगा। 2. मोटापा को नियन्त्रित रखनाः- यह हम सबने महसूस नहीं किया तो देखा तो है कि मोटापा के कारण काफी लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। सांस लेना मुश्किल मतलब शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना। अगर शरीर में मोटापा नहीं होगा, तो शरीर को प्रयाप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल पायेगी। नियमित योगाभ्यास मोटापा कम करने में काफी सहयोगी होता है। 2. पानी का अधिक सेवन करना :- आप सभी यह तो जानते ही है, कि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा भरपूर होती है। अगर पानी अथवा तरल पदार्थो का अधिक से अधिक सेवन किया जाये तो शरीर को ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति को सकती है। 3. आवास या कार्य स्थल का हवादार होनाः- जहॉ आप रहते है अथवा कार्य करते है। उस स्थान पर हवा के आवागमन की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि स्वच्छ और ताजी पर्याप्त मात्रा में हवा हमें प्राप्त होती रहे। 4. समुचित आहार का प्रयोगः- हमें अपने भोजन में ऐसे पदार्थो को शामिल करना चाहिए जो एंटीऑक्सीडेंट एवं पानी से भरपूर हो जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, जामुन, खट्टे फल, मेवे और बीज । इस सम्बन्ध में आपको अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
ऑक्सीजन कम होने की जानकारी निम्न लक्षणों से प्राप्त हो सकती है। 1. सांस लेने में तकलीफः- हल्की सी मेहनत का कार्य करने या सीढ़ियां चढ़ने से सांस फूलने की समस्या होने पर माना जाना चाहिए कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही 2. शरीर में नीला रंग दिखाई देना :- अगर किसी व्यक्ति के होंठ,नाखून या शरीर का रंग नीला दिखाई देने लगे तो यह भी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होना का संकेत होता है। 2. हृदय गति का बढ़ना :- अगर किसी व्यक्ति की हृदय गति बढ़ जाती है तो यह भी ऑक्सीजन कम होने का संकेत होता है। क्योंकिं ऑक्सीजन की कमी होने पर शरीर ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए जल्दी जल्दी श्वसन क्रिया करने लगता है। जिससे शरीर अपनी ऑक्सीजन की आवश्यकता की पूर्ति कर सके। 3. थकान का अनुभव होनाः- अगर किसी व्यक्ति को थकान का अनुभव हो रहा है, तो यह शरीर में ऑक्सीजन की कमी का लक्षण हो सकता है। 4. चक्कर आना बेहाशी आनाः- भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर अक्सर हम देखते है कि कई व्यक्तियों को चक्कर आ जाते है या बेहोशी के स्थिति में आ जाते है। इसका कारण भी भीड़ के कारण उस स्थान पर ऑक्सीजन की कमी होना होता है। जैसे ही उस व्यक्ति को खुले स्थान या हवादार स्थान पर लाया जाता है। वह अपने आपको स्वस्थ महसूस करने लगता है। सामान्यतः इन लक्षणों से शरीर में ऑक्सीजन की कमी को महसूस किया जा सकता है। सही एवं अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

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