आज्ञा चक्र पर ध्यान और 6 योगा। Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga।
आज्ञा चक्र पर ध्यान और 6 योगा। Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi वैसे तो मानव शरीर ही रहस्यों से भरा हुआ है। माना जाता है कि शरीर के किसी भी अंग का मानव शत-प्रतिशत उपयोग कभी नहीं कर पाया है। चाहे वो हृद्य हो,मस्तिष्क या फिर शरीर का कोई अन्य अंग। भारतीय अध्यात्म और योग में ऐसे उपाय भरे पड़े है कि उनकी साधना से प्राप्त होने वाले लाभों को जानकर आज का आधुनिक विज्ञान भी आश्चर्य चकित हो जाता र्है।
इन्ही में से एक है आज्ञा चक्र ( pineal gland) ,आज्ञा चक्र को तीसरा नेत्र भी कहा जाता है। भगवान शिव के तीसरे नेत्र से तो सभी परिचित है ही ।
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विषय सूची
1 आज्ञा चक्र ( pineal gland) का शरीर में स्थान
2. आज्ञा चक्र ( pineal gland) का कार्य ।
3. आज्ञा चक्र के अव्यवस्थित होने पर समस्याएें।
4. क्या आज्ञा चक्र एवं pineal gland एक ही होते है?
5. आज्ञा चक्र को सक्रिय कैसे करें।
1-आज्ञा चक्र ( pineal gland) का शरीर में स्थान (Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
अध्यात्म और योग के अनुसार शरीर में सात चक्र होते है।
1.मूलाधार चक्र
2.स्वाधिष्ठान चक्र
3.मणिपुरम चक्र
4.अनाहत चक्र
5.विशुद्धि चक्र
6.आज्ञा चक्र
7.सहस्त्रार चक्र
इन्ही चक्र में छठे स्थान का आज्ञा चक्र दौनों भौहों के मध्य होता है।
हालाकि इन चक्रांं को आधुनिक विज्ञान नहीं मानती क्योंकि इनका शरीर में भौतिक रूप से कोई अस्तित्व नहीं होता है।
2-आज्ञा चक्र ( pineal gland) का कार्य ।
Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।
आज्ञा चक्र ( pineal gland) जिसका वजन लगभग 0.1 ग्राम होता है। हमारे दोनों भौहों के बीच जहॉ पर हम तिलक लगाते हैं, जहॉ मस्तिष्क के दोनों हिस्से जुड़ते है वह आज्ञा चक्र ( pineal gland) का स्थान होता है। आज्ञा चक्र ( pineal gland)से मेलाटोनिन नामक हार्मोन निकलता है। यह हार्मोन्स दिन में कम एवं रात को अधिक स्त्रावित होता है।जो कि हमारे शरीर की दैनिक घड़ी (सर्केडियन)को नियंत्रित करता है। पिनियल ग्रन्थि से निकलने वाला हार्मोन्स हमारे शरीर की चयापचय, मानसिक स्वास्थ्य एवं हमारे सोने एवं जागने के कार्य को नियिं़त करता है।
3-आज्ञा चक्र के अव्यवस्थित होने पर समस्याएें।
Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।
आज्ञा चक्र के अव्यवस्थित होने पर मानव शरीर में निम्न लक्षण दिखाई देने लगते है।
1. स्मरण शक्ति सम्बन्धी समस्याएं।
2. दौरे पड़ने लगते है।
3. सिर दर्द की समस्या।
4. आंखों की नजर सम्बन्धी समस्याएं।
आधुनिक विज्ञान अभी तक pineal gland का पूर्ण रहस्य नहीं जान पाया है।
4-क्या आज्ञा चक्र एवं pineal gland एक ही होते है?
आज्ञा चक्र एक आध्यात्म का विषय है जबकि pineal gland चिकित्सा विज्ञान का विषय है। अतः इन को एक नहीं कहा जा सकता है।
5-आज्ञा चक्र को सक्रिय कैसे करें।
(Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
योग में आज्ञा चक्र को जागृत या सक्रिय करने के लिए कुण्डलिनी के चक्रों को क्रमशः जागरण किया जाना चाहिए। तभी पूर्ण लाभ मिल सकता है।
योग के अनुसार आज्ञा चक्र को सक्रिय करने में योग काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर नियमित रूप से योग्य मार्गदर्शन में योगों का अभ्यास किया जाये।
आज्ञा चक्र ( pineal gland) को सक्रिय करने में निम्न योगाभ्यास लाभदायक हो सकते है।
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5.1.सूर्य नमस्कार।
सूर्य का महत्व कौन नहीं जानता सूर्य के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती चाहे वे जीव जन्तु हों या वनस्पति सभी के प्राण सूर्य से ही प्राप्त होते है। भारतीय अध्यात्म में सूर्य को बहुत ही महत्व दिया गया है।सूर्य की पृथ्वी से दूरी हो या सूर्य का स्वभाव हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व ही इसकी सटीक जानकारी प्राप्त कर ली थी। जिसका अब आज का विज्ञान पुष्टि कर रहा है। शायद सूर्य नमस्कार योग सूर्य को समर्पित योगा हो,जिसके द्वारा सूर्य के प्रति उनको कृतज्ञता प्रकट की जा रही हो।
इस आसन में बार बार सिर को ऊपर एवं नीचे किया जाता है। जिस कारण हमारे माथे पर इस क्रिया का प्रभाव होता है। हमारे माथे के बीच में हमारा आज्ञा चक्र ( pineal gland) होती है। जो इस आसन के अभ्यास से प्रभावित होता है।
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5.2.योग मुद्रा। (Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
5.2.1योग मुद्रा आसन करने के लिए किसी समतल स्वच्छ हवादार स्थान का चयन कर आसन या योगा मेट बिछा कर सुखासन में बैठ जायें।
5.2.2.पद्मासन लगा कर कुछ समय के लिए शान्त भाव के साथ बैठें।
5.2.3.अपने दोनों हाथों को अपनी कमर के पीछे ले जायें।
5.2.4.श्वांस भरें,और,
5.2.5.अपने दांये हाथ से अपने बांये पैर के अंगुठे को पकड़े।
5.2.6.इसी तरह से अब बायें हाथ से अपने दांये पैर के अंगुठे को पकड़े।
5.2.7.अब श्वांस को छोड़ते हुए अपने सिर को धीरे धीरे झुकाते हुए सामने जमीन से स्पर्श करावें।
5.2.8कुछ समय 15 से 20 सैकेण्ड तक सिर को जमीन से स्पर्श करवाते रखें। श्वांस सामान्य रखें।
5.2.9.सामान्य स्थिति में लौट आएं।
- योग मुद्रा आसन के अन्य लाभः- (Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
1-यह आसन आज्ञा चक्र के साथ साथ अन्य लाभ भी देता है ।
2-चयापचय क्रिया को मजबूत एवं स्वस्थ बनाता है।
3-कब्ज को दूर करता है।
4-मेरूदण्ड को स्वस्थ एवं लचीला बनाता है।
- योग मुद्रा आसन के समय सावधानियॉ (Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
1-.यह योगाभ्यास कमर एवं मेरूदण्ड के रोग से पीड़ित को नहीं करना चाहिए।
2-.किसी को कोई गम्भीर बिमारी हो तो चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
3-.जोड़ो के दर्द से पीड़ित को यह आसन चिकित्सक के परामर्श से करना चाहिए।
5.3.पादहस्तासन। (Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस आसन में अपने हस्त (हाथ)को पाद(पैर) से स्पर्श कराना है । इस आसन में सामने की और झुक कर सिर को घुटनों से लगाते हुए अपने हाथों से पैरों को स्पर्श करना होता है।
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5.4.शीर्षासन। (Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
इस आसन में अपने शरीर का सम्पूर्ण सन्तुलन सिर पर बनाए रखना होता है। इस योगाभ्यास में योग्य प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में व्यक्ति को सिर के बल खड़ा होना होता है। जिसमें सिर जमीन पर एवं पैर आकाश की ओर हवा में सीधे खड़े रखने होते है।
5.5.त्राटक। (Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
त्राटक के अभ्यास में किसी मोमबती,दीपक की लौ पर दृष्टि जमाने का अभ्यास किया जाता है। ध्यान आज्ञा चक्र पर रखना होता है।
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5.6.कपाल भाति। (Aagya Chakra Par Dhayan Aur 6 Yoga In Hindi।)
कपाल भाति के अभ्यास में श्वांस छोड़ने की गति श्वांस लेने की गति से अधिक होती है। इसके अभ्यास में ध्यान श्वांस छोड़ने पर अधिक देना चाहिए।
आंखों को बन्द कर ध्यान आज्ञा चक्र पर रखना चाहिए।
इस प्रकार हम देखते है कि इन योगाभ्यास/यौगिक क्रियाओं के दौरान हमारा ध्यान आज्ञा चक्र पर रहता है तथा जब हमारा सिर नीचे की ओर झुकाते है, तो इसका प्रभाव हमारे मस्तिष्क के अग्रभाग पर पड़ता है जिसका हम अभ्यास के दौरान अनुभव भी करते है। जब हमारे आज्ञा चक्र या ( pineal gland) पर दबाव पड़ता है तो उसे सक्रिय होने में मदद मिलती है। इस प्रकार ये योगाभ्यास हमारे आज्ञा चक्र या( pineal gland) को सक्रिय करने में सहायक हो सकते है।
इस ब्लॉग पोस्ट का उद्देश्य मात्र योग की जानकारी देना है । योगाभ्यास चिकित्सक एवं योग प्रशिक्षक के परामर्श के उपरान्त करने की सलाह दी जाती है।
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